Whatsapp की असली चाल | Whatsapp New Privacy Policy

साथियों आज की इस पोस्ट में हम आपकों व्हाट्सएप, फेसबुक, और इंस्टाग्राम की नई पाॅलिसी को लेकर विस्तार से चर्चा करेंगे इसी पोस्ट में हम जानेंगे कि क्यों व्हाट्सएप की नई पाॅलिसी को लेकर देश भर में इतना बवाल हो रहा है। दरअसल इस विवाद की शुरूआत 6 जनवरी 2021 को हुई जब व्हाटसएप ने अपनी नई पाॅलिसी जारी कि जिसमें कहा गया है कि व्हाटसएप अपना सारा डेटा फेसबुक के साथ शेयर करेगा। जो युजर्स व्हाटसएप बिजनेस का यूज करते है सिर्फ उन्हीं का डेटा फेसबुक के साथ शेयर किया जाएगा जब इस पर देश भर में हंगामा खड़ा हुआ तो व्हाटसएप ने कह दिया है कि इससे आम लोगों पर इसका कुछ असर नहीं पड़ेगा।

आम लोगों पर इसका असर:

वैसे आपकों जानकर हैरानी होगी कि व्हाटसएप कुछ ना कुछ अपना डेटा 2016 से फेसबुक के साथ शेयर करता आया है। मगर अब खुलकर व्हाटसएप ने कह दिया है कि वो अपना डेटा फेसबुक के साथ शेयर करेगा। फेसबुक की ओर से आए बयान में कहा गया है कि वो टैक्स मैसेज का कोई भी डेटा यूजर्स का नहीं लगा बाकि सारे फार्मेट का डेटा वो अपने पास क्लेक्ट करेगा इस डेटा को मेटा डेटा भी कहा जाता है। इस डेटा में आपकी लोकेशन, आपके फोटो, आपके वीडियों इत्यादि डेटा हर वक्त फेसबुक के पास रहता है या रहने वाला है।
इससे आम आदमी को वैसे तो कोई भी नुकसान नहीं होने वाला है क्योंकि व्हाटसएप ने पहले ही साफ कर दिया है कि वो युजर्स की निजता का हनन नहीं करेगा लेकिन वो इस डेटा का उपयोग कहीं ना कहीं अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए जरूर करेगा।

व्हाटसएप ऐसा क्यों कर रहा है?

अब आपके भी मन में यह सवाल तो उठ ही रहा होगा कि व्हाटसएप इस डेटा को फेसबुक के साथ क्यों शेयर कर रहा है तो इसका जवाब है कि व्हाटसएप अपने डेटा को फेसबुक के पास भेजेगा फिर फेसबुक उस डेटा का विश्लेषण करेगा और पता करेगा कि कौनसे युजर्स को क्या पसंद है और क्या नहीं पसंद है फिर उसी के अनुसार फेसबुक जिस व्यक्ति को जो चीज पसंद है या जिसमें रूचि है उसको उसी टाइप का विज्ञापन दिखाएगा। क्योंकि दुनिया का 50 प्रतिशत विज्ञापन लेने वाली कंपनी में फेसबुक व गुगल का नाम सबसे ऊंचा आता है।
जब कभी आप फेसबुक चलाते है तब आपने यह बात गौर की होगी कि जब भी आप किसी अनजाने के पास जाकर बैठते है और फिर एक दो दिन के बाद उसी व्यक्ति की फेसबुक प्रोफाइल आपके सजेशन वाले काॅलम में दिखना प्रारंभ हो जाती है। क्योंकि व्हाटसएप ने अपना डेटा फेसबुक के पास भेज दिया जिसकी वजह से ही यह संभव हो पाता है।
इसके अलावा आप भी जानते है कि व्हाटसएप पर तो कोई विज्ञापन आता नहीं है तो उसका रेवन्यु का सोर्स भी कम या न के बराबर है तो व्हाटसएप अपने युजर्स को फेसबुक के पास भेजने का काम करता है जिसका मुख्य जरिया है डेटा शेयर करके।
आपको जानकर हैरानी होगी फेसबुक आपके फोन की बैट्ररी परफाॅरमेंश के साथ वो यह भी जानकारी लेता है कि आप कौनसे फेसबुक के प्रतिद्वंदी एप्प का यूज करते है इसके जरिए फेसबुक अपना प्रतिद्वंदी का भी पता करता है कई बार ऐसा भी देखने में आया है कि फेसबुक ने फोन की टैक्नोलाॅजी में भी कहीं ना कहीं घुसने की कोशिश की है।
अभी के समय में भारत में फेसबुक के युजर्स 30 करोड़ से अधिक है तो वहीं व्हाटसएप्प के युजर्स की संख्या 45 करोड़ से अधिक है।

अब क्या करें ?

अब आप भी सोच रहे होंगे कि अब हम व्हाटसएप्प व फेसबुक का उपयोग करना बंद कर दे तो फिर इसकी कमी को हम कैसे पुरा करेंगे तो इसका जवाब है कि आप या तो सिग्नल या टेलीग्राम का उपयोग कर सकते है या फिर अगर आपका कोई विशेष डेटा नहीं है तो जैसे आप पहले से व्हाटसएप्प व फेसबुक का उपयोग करते आ रहे हो वैसे भी आगे करते रहिए कुछ नहीं होने वाला है।
आप भी जानते होगें कि जब भी हम फेसबुक व व्हाटसएप्प का नया अकाउंट ओपन करते है तो वो हमसे कई प्रकार की परमिशन मांगता है और हम खुशी-खुशी वो परमिशन बिना पढ़े इन बड़े सोशल मीडिया को देते है उनमें इन बातों का कहीं ना कहीं जिक्र भी होता है कि हम आपकी निजता का हनन तो नहीं करेंगे मगर आपके दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले डेटा का स्टोर तो कुछ समय के लिए करेंगे।
साथियों अगर आज का यह पोस्ट पसंद आया है तो आगे जरूर शेयर करे और अगर आपके भी कोई प्रश्न या सूझाव है तो अपने कमेंट करके हमें जरूर बताऐ।

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