The Kashmir Files(द कश्मीर फाइल्स) Full Review

साथियों आज के इस पोस्ट में हम आपकों द कश्मीर फाइल्स फिल्म का रिव्यू देने वाले है और जानेंगे की इस फिल्म में क्या दर्शाया गया, लोगों ने क्या रिव्यू दिया है साथ ही फिल्म की स्टारकास्ट के बारें में भी जानने की कोशिश करेंगे, पुरी फिल्म किसपे बनाई गयी है और फिल्म की खूबियां व कमीयां को भी इसी पोस्ट में जानने की कोशिश करेंगे।

फिल्मThe Kashmir Files
कास्टअनुपम खेर (Anupam Kher), पल्लवी जोशी (Pallavi Joshi), मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty), दर्शन कुमार (Darshan Kumar), चिन्मय मंडलेकर (Chinmaya Mandlekar), पुनीत इस्सर (Punit Issar), मृणाल कुलकर्णी (Mrunal Kulkarni)
निर्देशकविवेक अग्निहोत्री
रेटिंग3


साथियों आपकों 2019 की विवके अग्निहोत्री की फिल्म द ताशकंद फाइल्स तो याद होगी ही, जो की बाॅक्स ऑफिस पर काफी हिट साबित हुई तो उसी कड़ी में विवेक अग्निहोत्री ने एक और नई फिल्म बनाई जिसको नाम दिया The Kashmir Files (द कश्मीर फाइल्स)।

रिव्यू:

साथियों The Kashmir Files(द कश्मीर फाइल्स) फिल्म मुख्यतः 90 के दशक में हुए कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार और नरसंहार के ऊपर बनाई गई फिल्म है, इस फिल्म मे दिखाया गया था की 1990 के दशक में कैसे कश्मीरी पंडितो व हिंदुओं पर अत्याचार व नरसंहार करके उन्हें कश्मीर से बेदखल किया गया था।
द कश्मीर फाइल्स फिल्म की शुरूआत एक टीचर पुष्कर नाथ पंडित(अनुपम खेर) की जिंदगी के आसपास ही घूमती है, फिल्म में कृष्णा(दर्शन कुमार) दिल्ली से कश्मीर जाता है, अपने दादा पुष्कर नाथ पंडित की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए, कृष्णा अपने दादा के परम मित्र ब्रहमा दत्त(मिथुन चक्रवर्ती) के यहां रूकता है, उस दौरान पुष्कर के अन्य दोस्त भी कृष्णा से मिलने आते है, और बाद में फिल्म फ़्लैशबैक में चली जाती है।
द कश्मीर फाइल्स में दिखाया जाता है की सन् 1990 से पहले कश्मीर हिंदुओ व पंडितों का जीवन कैसा रहा होगा और सन् 1990 के बाद उनके साथ कितना अत्याचार व नरसंहार किया गया, उन्हें कैसे घरों से बेघर करने के लिए मजबूर किया गया था, उनकी बहन-बेटियों के साथ कैसा व्यवहार किया गया था, पुरी फिल्म इसी घटना के आधार पर बनाई गयी है।

अभिनय:

साथियों इस फिल्म में अनुपम खेर की काफी शानदार एक्टिंग को दिखाया गया वैसे अनुपम ने अपने अभिनय के दम पर कई बार साबित कर दिया है की उनसे बेहतर बाॅलीवुड में कोई अभिनय नही कर सकता है।
इसके अलावा बड़े परदें पर काफी समय बाद दिखाई दिए मिथुन चक्रवर्ती ने भी काफी शानदार अभिनय किया है।
वहीं अगर पल्लवी जोशी की बात करे तो आप जानते है द ताशकंद फाइल्स में उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग का अवाॅर्ड मिला था, इस फिल्म में भी उन्होंने काफी शानदार काम किया है इसके अलावा चिन्मय की एक्टिंग की जान-दार रही है और अगर आप इस फिल्म को देखगें तो आपकों मालूम चल जाएगा सबने अपनी तरफ से जबरदस्त काम किया है।

कमी:

साथियों इस फिल्म में कुछ कमीयां भी है जैसे की फिल्म की लेंथ काफी लंबी है जो की दर्शको के लिए बाद में बोरिंग भी लगने लगती है यह फिल्म अगर 2 घंटे तक की रहती तो शायद और ज्यादा रोमांचक हो सकती थी।
इस फिल्म के गाने भी इतने रोचक नही थे जो की फिल्म को और अच्छा बना सके, फिल्म में कुछ ऐसे सीन्स भी थे जो अगर नही होते तो और अच्छा रहता क्योंकि ऐसा लगता है की फिल्म की लेंथ बढ़ाने के लिए जबरदस्ती से उनको डाला गया।
फिल्म मे कुछ ऐस सीन्स भी थे जो कमजोर दिल वाले शायद ही देख पाए क्योंकि फिल्म में उस समय की हुबहू स्थिति को दर्शाया गया है।

सारांश:

आखिर मे हम यही कहना चाहेंगे की इस फिल्म को जरूर देखने जाए क्योंकि यह फिल्म 1990 के दशक में कश्मीर में बने हालात को दर्शाती है, जानकारों ने इस फिल्म को काफी अच्छी रेटिंग दी है।

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