Ravish Kumar Biography | रवीश कुमार का जीवन-परिचय

नमस्कार साथियों, आज के इस पोस्ट में हम वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार का जीवन-परिचय जानेंगे।

Ravish Kumar Bioraphy
जन्म5 दिसंबर, 1974 जितवार, बिहार
शिक्षाएमए, दिल्ली यूनिवर्सिटी
परिवारपत्नी – नयनादास गुप्ता, दो बेटियां।
प्रमुख पुरूस्कार उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए दो बार रामनाथ गोयनका अवाॅर्ड मिल चुका है (2013-2017), रेमन मैग्सेस अवाॅर्ड (2019) से भी सम्मानित।

नमस्कार, मैं रवीश कुमार। प्राइम टाइम की यह आवाज अब आपको NDTV पर सुनाई नहीं देगी। टीवी की हिंदी पत्रकारिता में जाना-माना चेहरा रहे रवीश कुमार ने NDTV से इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि अडानी समूह NDTV के अधिग्रहण के करीब पहुंच चुका हैं रवीश कुमार को एशिया का ‘नोबेल’ कहे जाने वाला प्रतिश्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार मिल चुका है। रवीश अब अपने यू-टयूब चैनल के जरिए दर्शको से रूबरू होंगे। रवीश सिर्फ पत्रकार या एंकार नहीं हैं… रवीश ने कई किताबें भी लिखी हैं। इनमें ‘द फ्री वाॅइसः ऑनडेमोक्रेसी, कल्चर एंड द नेशन’, बोलना ही है’, इश्क में शहर होना’, देखते रहिए…प्रमुख हैं।
आउटलुक को दिए गए एक इंटरव्यू में रवीश ने अपनी शुरूआत के बारे में बात करते हुए बताया था- ‘एक दिन मुझे राधिका राॅय का मेल आया कि क्या में रिपोर्टिंग करना चाहता हूं? तब मैंने मेरी ओर से महमूद फारूखी से जवाब लिखने का कहा… मुझे डर था कि मेरी खराब अंग्रेजी देखकर कहीं वे (राधिका) अपना फैसला न बदल लें। इंटरव्यू में रवीश कुमार पांडेय था…लेकिन मैने गांव में जातिगत भेदभाव को बेहद करीब से देखा…इसलिए अपना सरनेम हटा दिया। सोशल मीडिया पर रवीश के फाॅलोअर्स भी हैं तो उहें ट्रोल भी काफी किया जाता है।

क्या आप रवीश कुमार को एक निष्पक्ष पत्रकार मानते है ?

शुरूआती जीवन:

रवीश कुमार का जन्म बिहार के मोतिहारी जिले के छोटे से गांव जिवारपुर में हुआ था। इन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई पटना के लोयोला हाई स्कूल से की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के देशबंधु काॅलेज से इतिहास में बीए और फिर एमए कियां यहीं काॅलेज की पढ़ाई के दौरान इनकी मुलाकात नयनादास गुप्ता से हुई। नयना मूलतः बंगाल की हैं। लगभग सात साल तक नयनादास को डेट करने के बाद रवीश ने उनसे शादी कर ली। हालांकि यह शादी आसान नहीं रही। अंतरजातीय विवाह होने के कारण दोनों के परिवार ने खूब विरोध कियां वर्तमान में दोनों की दो बेटियां हैं। नयनादास लेडी श्रीराम काॅलेज में इतिहास पढ़ाती हैं। रवीश के एक छोटे भाई बृजेष पांडे हैं, जो राजनेता हैं।

कॅरियर:

रवीश कुमार साल 1996 में NDTV से जुड़े। आउटलुक मैगजीन को दिए साक्षात्कार में रवीश ने बताया था कि काॅलेज की पढ़ाई के दौरान NDTV में डेली जाॅब होने की जानकारी मिली। यहां उनका काम दूरदर्शन पर आने वाले गुड माॅर्निग इंडिया शो के लिए आने वाले पत्रों को छांटना था। कुछ माह बाद अनुवादक का काम मिल गया। इस बीच NDTV इंडिया लाॅन्च हुआ तो कुछ दिन डेस्क पर काम किया। बाद में इनकी रूचि देखकर राधिका राॅय ने एक दिन पूछा कि क्या रिपोर्टिंग करना चाहोगे। इस तरह रिपोर्टिंग की शुरूआत हुईं बड़ी पहचान शो ‘रवीश की रिपोर्ट’ से मिली। प्राइम टाइम विद रवीश से फुल टाइम एंकरिंग की शुरूआत की। ‘हम लोग’ और देस की बात’ जैसे कार्यक्रम भी चर्चित रहे। अभी वे NDTV में सीनियन एग्जिक्यूटिव एडीटर थे।

खास बातें:

इन पर एक डाॅक्यूमेंट्री ‘हृाइल वी वाॅच्ड’ बन चुकी है।
सितंबर 2022 में इसे टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में पुरूस्कृत किया जा चुका है।
अपने शो के दौरान ये कई बाद दर्शकों से टीवी समाचार न देखे अपील करते रहे हैं, अधिकांश टीवी समाचारों को पक्षपात पूर्ण बताया है।
रवीश बता चुके हैं कि इन्हें रिपोर्टिंग को लेकर कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। कई बार रास्ते बदल-बदल कर घर जाते हैं।
लगातार ट्रोल किए जाने पर कुछ समय के लिए इन्होंने ट्विटर अकाउंट बंद कर दिया।
साल 2019 में रेमन मैग्सेसे सम्मान मिला था। अवाॅर्ड देने वाले संस्थान ने इन्हें ‘वाॅइस ऑफ़ वाइसलेस’ कहा था।
रवीश कुमार के भाई ब्रजेश पांडे का नाम यौन शोषण से जुड़े एक मामले में आ चुका है। ब्रजेश पर पाॅक्सो के तहत केस दर्ज किया गया था।

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