नाग पंचमी इतिहास, महत्व व शुभ मुहूर्त

साथियों श्रावण मास की शुक्ल पंचमी को प्रतिवर्ष नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है यह पर्व भारत में इस साल 2 अगस्त(मंगलवार) को मनाया जाएगा, इस दिन की मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा की जाती है और कच्चे दूध से नागों का अभिषेक किया जाता है, नाग पंचमी के दिन शिवभक्त नाग की पूजा मंदिरों में करते है और उन्हें दूध पिलाकर अपने व अपने परिवार के लिए मन्नतें भी मांगते है।
मान्यता यह भी है कि अगर आपकों भगवान शंकर को खुश करना है तो इससे पहले आपकों उसके हार कहे जाने वाले सर्प को खुश करना अनिवार्य है, अगर आप ऐसा करने में कामयाब रहते है तो आपकी मन्नत अवश्य पूर्ण होती है।
अगर आप राहु-केतु के बुरे प्रभाव से ग्रसित है तो इससे मुक्ति पाने के लिए इससे अच्छा अवसर और कोई हो ही नही सकता है।

नागपंचमी का महत्व:

नागपंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में पवित्र त्योहार है, इस पर्व को मनाने के पीछे बड़ी वजह सुख-समृद्धि, खेत-खलिहान मेें फसल सुरक्षा व नागों के बुरे प्रभाव से बचने के लिए इस पर्व को मनाया जाता है।
नाग को भगवान शिव का गले का हार व भगवान विष्णु की शय्या भी माना जाता है, मान्यता यह भी है कि अगर आप इस दिन रूद्राभिषेक के साथ भगवान शिव की आराधना करते है तो भगवान शिव आपसे खुश होकर काल सर्प दोष को दूर कर देते है, इस दिन नाग की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति भी होती है, अगर आप ऐसा करते है तो सर्प दंश नही करता है, और अगर आप अपने घर के बाहर सर्प का चित्र बनाते है तो नाग देवता आपसे खुश होकर आपके परिवार के सारे दुख हर लेते है।

नागपंचमी के दिन प्रमुख कार्य:

  • अगर आप इस दिन व्रत रखते है तो आप कालसर्पदोष से मुक्ति मिल सकती है।
  • इस दिन नाग देवता की पूजा के साथ आप उन पर दूध मिठाई के साथ फूल भी अर्पित कर सकते है।
  • नागपंचमी के दिन नाग पंचमी का मंत्रोजाप करना भी अनिवार्य है।
  • नागपंचमी के दिन पीतल के बर्तन से शिवलिंग पर विराजित नाग देवता को दूध अर्पित करना चाहिए।

नागपंचमी के दिन क्या नही करना चाहिए:

  • नागपंचमी के दिन खेती के कार्य नही करना चाहिए, कहा जाता है कि इस दिन सारे नाग भ्रमण पर होते है और अगर आप खेत में धारदार वस्तु का प्रयोग करते है तो हो सकता है उससे नाग देवता चोटिल हो सकते है और कई बार उनकी जान भी चली जाती है और आपको भी सर्पदंश की संभावना बढ़ जाती हैं।
  • कहने का तात्पर्य है नुकीली चीजों के इस्तेमाल से बचे।
  • इस दिन मांस व शराब के सेवन से बचे।

नाग पंचमी 2022 शुभ मुहूर्त:

सावन शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि का आरंभ: 2 अगस्त सुबह 5 बजकर 13 मिनट से आरंभ
समापन: 3 अगस्त सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक
शुभ मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 43 मिनट से 08 बजकर 25 मिनट तक
पूजा अवधि: 02 घंटे 42 मिनट
शिव योग: 02 अगस्त को शाम 06 बजकर 38 मिनट तक

नाग पंचमी का मुख्य मंत्रोच्चारण:

सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले.

ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥

ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः.

ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥

नागपंचमी के दिन भगवान भोलेनाथ के किसी मंदिर में रुद्राभिषेक करके ‘नागेन्द्र हाराय ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का सवा लाख बार जाप करें। 
इसके बाद 108 बार  ‘ॐ  नागदेवतायै नम:‘ या ‘ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नौ सर्प प्रचोद्यात्’ मंत्र का जाप करें। 

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