नमस्कार साथियों आप सभी का स्वागत है हमारे इस ब्लाॅग पर, आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे दुनिया की सबसे बड़ी काॅस्मेटिक कंपनी लाॅरियल की सफलता की कहानी के बारें में।
सौंदर्य उत्पाद बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी लाॅरियल ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के 150 देशों में जाना पहचाना नाम हैं, फ्रेंच कंपनी लाॅरियल फिलहाल भारत में GST को लेकर विवादों में है, इस पर जीएसटी में हेराफेरी करके 186.39 करोड़ रूपए मुनाफा कमाने का आरोप है, जांच में पाया गया कि बहुत सारे सामानों पर GST को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया था, पर कंपनी ने उत्पादों पर घटे जीएसटी के बावजूद ग्राहकों को इसका फायदा नहीं दिया, इसी को ध्यान में रखते हुए आज के इस पोस्ट में लाॅरियल के अब तक के सफर का बारीकी से जानने का प्रयास करेंगे।
Company | L’Oréal |
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Type | Cosmetics |
Start | 1996 |
Founder | Eugene Paul Louis Schouler |
Chairman | Jean Paul Egan |
Vice-Chairwoman | François Betancourt Meyers |
Market Cap | 14 Lakh Crore + |
Products Sold | 150 + Country |
Global Brand | 36 |
Staff | 88000 + |
Register Patent 2021 | 517 |
Scientist Work | 4000 |
Research Expenses 2021 | 8000 Crore |
Women Worker | 69 % |
शुरूआती सफर:
यूजीन पाॅल लुई शूलर (1881-1957) लाॅरियल के संस्थापक रहे, वह फार्मासिस्ट थे, एक दिन उनकी लैब में एक पारसी हेयरड्रेसर ने सिथेंटिक हेयर डाई बनाने के लिए कहा, उस समय फ्रांस में अधिकांश महिलाएं बाल रंगने के लिए डाई इस्तेमाल नहीं करती थीं, क्योंकि उस समय की डाई से सिर पर त्वचा (स्कैल्प) को नुकसान पहुंचता था, इसे यूजीन ने बिजनेस अवसर के तौर पर देखा और खुद अपने बालों पर विभिन्न डाई के प्रयोग करने लगे, पूरे दो साल प्रयास के बाद 1990 में उन्होंने पहली सफल और सुरक्षित हेयर डाई बनाई, कंपनी का एक फ्रेंच नाम रखा, ऑरियल, उस समय फ्रांस की लोकप्रिय हेयरस्टाइल थी, इससे प्रेरित होकर बाद में कंपनी का नाम लाॅरियल कर दिया, साथियों इस प्रकार इस कंपनी के सफर की शुरूआत हुई।
फीमेल फर्स्ट नीति:
अमेरिका की महामंदी (1929-39) के बीच फ्रांस में सुधारों का दौर चला, सप्ताह में पांच दिन काम के साथ साल में दो हफ्ते की पेड लीव मिलने लगी, छुट्टियों में लोग समुद्र तटों पर वक्त बिताने लगे, इसी बीच लाॅरियल ने सन स्क्रीन लाॅन्च की और ये बहुत लोकप्रिय हो गई, 1945 तक आते-आते कंपनी कई देशों में निर्यात करने लगी, लाॅरियल ने अपनी स्थापना के बाद से कंपनी की नीति और कार्यशेली में महिलाओं को प्राथमिकता में रखा हुआ है, कंपनी की टैगलाइन ‘बिकाॅज यू आर वर्थ इट’ को 50 साल से ज्यादा हो चुके हैं, वर्कफोर्स में महिलाओं के अनुपात में हर साल इजाफा हो रहा है, कंपनी के रिसर्च-इनोवेशन विभाग में तो सबसे ज्यादा 70 प्रतिशत महिलाएं हैं।
रेंज:
दो बेडरूम के अपार्टमेंट में शुरू हुई लाॅरियल ने महज एक साल बाद में विदेशों में अपने उत्पाद का निर्यात शुरू कर दिया था, आज 150 देशों में इनके उत्पाद जाते हैं, खास बात है कि इन्होंने संबंधित देशों के हिसाब से अपने उत्पादों में बदलाव किए, कंपनी ने अपने 36 ब्रांड्स को कुल चार डिवीजन में बांटा है, इसमें कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, लाॅरियल ल्यूक्स, प्रोफेशनल प्रोडक्ट और एक्टिव काॅस्मेटिक्स हैं, इसके अलावा बिजनेस सेगमेंट में स्किनकेयर एंड सन प्रोटेक्शन, मेकअप, हेयरकेयर, फ्रेगरेंस और हेयर कलरिंग और अदर हैं, कंपनी का सबसे बड़ा बाजार यूरोप है, लाॅरियल पिछले कई सालों से हर साल औसतन 500 पेटेंट अप्लाई करती आ रही है, मतलब रो एक पेंटेंट।
सफलता:
113 साल पुरानी इस कंपनी का दुनिया के काॅस्मेटिक बाजार में 41 फीसदी कब्जा है, वित्तिय वर्ष 2021 में तो लाॅरियल ने 16 फीसदी की सर्वाधिक ग्रोथ दर्ज की है।
सबसे अमीर महिला:
फ्रांस्वा बेटनकोर्ट मेयर्स (69 वर्षीय) लाॅरियल के संस्थापक यूजीन की पोती है, 1997 में लिलियेन बेटनकोर्ट के निधन के बाद से मेयर्स ही कंपनी संभाल रही है, हालांकि वह फिलहाल निदेशक मंडल में वाइस-चेयरवुमन हैं, ज्यां पाॅल एगन, कंपनी के चेयरमैन हैं, फ़ोर्ब्स के अनुसार बेटनकोर्ट फिलहाल दुनिया की सबसे अमीर महिला हैं, और रईसों की सूची में वह 15वें स्थान पर हैं, मेयर्स के बाद नेस्ले कंपनी के पास लाॅरियल कंपनी के सबसे ज्यादा शेयर है, बेटनकोर्ट के पास लाॅरियल के 33 फीसदी शेयर्स हैं।
फ्रांस्वा बेटनकोर्ट मेयर्स की वर्तमान में कुल संपत्ति 5.23 लाख करोड़ से अधिक की है।
