नमस्कार साथियों, आज के इस पोस्ट में हम साउथ कोरियन कंपनी LG की सफलता की कहानी जानेंगे।
दुनिया में शीर्ष पर मौजूद उद्यमी मंत्र देते हैं कि बिजनेस को लगातार आगे बढ़ाना है, तो बदलती दुनिया के हिसाब से बिजनेस और बिजनेस करने का तरीका बदलना होगा। दक्षिण कोरियाई कंपनी ‘LG’ ने सफलता के लिए इसे अपना मूलमंत्र बनाया हुआ है। करीब 60 साल पहले लकी गोल्डस्टार नाम से शुरू हुई कंपनी ने अपना बाजार बढ़ाने के लिए नाम तक बदल दिया। एलजी ‘लाइफ इज गुड’ होते ही दुनिया की जानी-पहचानी कंपनी बन गई। टूथपेस्ट-क्रीम से शुरू हुए बिजनेस के बाद टीवी-मोबाइल क्षेत्र में कदम रखे। अब कंपनी एआई में तेजी से पैर पसार रही है। भारत में 10 साल संघर्ष करने के बाद शुरू हुई कंपनी टीवी सेगमेंट में सबसे बड़े नामों में से है।
Company | LG |
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Full Form | Life Is Good |
Founded | 1958 |
Market Cap | 75,000 Cr. + |
कंपनी का इतिहास:
एलजी आधिकारिक रूप से 1958 में अस्तित्व में आई। लेकिन इसकी शुरूआत 1947 में हुई थी। जनवरी 1947 में लकी के केमिकल्स कंपनी स्थापित हुई और कोरिया की पहली क्रीम का उत्पादन हुआ। 1955 में कंपनी ने टूथपेस्ट बेचना शुरू कर दिया। 1958 में गोल्ड स्टार कंपनी की स्थापना हुई। यह भी इलेक्ट्राॅनिक्स सामान बनाती थी। नवंबर 1959 में गोल्डस्टार ने पहला कोरियन रेडियो बनाया, फिर टीवी बनाना शुरू की। 1977 में 19 इंच की कलर टीवी बनाना शुरू किए। जनवरी 1983 में जाकर लकी गोल्डस्टार का नाम बदलकर एलजी हो गया- लाइफ इज गुड। 2003 में एलजी समूह की कंपनी एलजी लाइफ साइंसेस की एक दवा को पहली बार यूएस एफडीए की अनुमति मिली। 2004 में एक सर्वे में एलजी दुनिया की बेस्ट आईटी कंपनी घोषित हुई। साल 2009 में एलजी दुनिया की सबसे बड़ी एलसीडी पैनल की उत्पादक बन गई। कंपनी अब ईवी बैटरी और सोलर पर ध्यान दे रही है।
मालिकाना हक:
एलजी की स्थापना दक्षिण कोरिया के बिजनेसमैन कू इन-ह्मोए (1907-1969) ने की थी। शुरूआत में वह काॅस्मेटिक्स के बिजनेस में थे। फिलहाल एलजी काॅपोरेशन के चेयरमैन के क्वांग मो हैं। क्वांग, पूर्व चेयरमैन कू बोन-मू के दत्तक पुत्र हैं। कू परिवार के पास कंपनी का मालिकाना हक और सर्वाधिक शेयर हैं।
दक्षिण कोरिया के चांगवो में एलजी की सबसे बड़ी उत्पादन इकाई है। वर्ल्ड इकोनाॅमिक फोरम ने इसे ‘लाइटहाउस फैक्ट्री’ घोषित किया है। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुई बनाई इमारतें फैक्ट्री आदि को लाइटहाउस कहते हैं।
बिजनेस:
एलजी ने अगस्त 2021 में मोबाइल मार्केट से पूरी तरह बाहर होने का फैसला कर लिया था। उस समय इसकी वैश्विक बाजार में उपस्थिति काफी कम थी, लेकिन एलजी फोन्स का अमेरिका में बाजार अच्छा-खासा था। स्टेटिस्टा ग्लोबल कंज्यूमर सर्वे के हिसाब से अगस्त 2021 तक अमेरिका में एलजी स्मार्ट फोन के यूजर 10 प्रतिशत थे। एलजी ने यह फैसला दरअसल दूसरे बिजनेस में ध्यान लगाने के लिए लिया था। 2012 में एलजी केमिकल्स को दुनिया की बेस्ट इलेक्ट्रिक कार बैटरी कंपनी घोषित किया गया। एलजी काॅपोरेशन 30 कंपनियों की होल्डिंग कंपनी है। यह मोटे तौर पर तीन तरह के बिजनेस में है- इलेक्ट्राॅनिक्स, केमिकल्स और टेलीकाॅम-सर्विसेस। इलेक्ट्राॅनिक्स में होम एप्लायंसेस और एयर साॅल्यूशन, होम एंटरटेनमेंट है। वहीं केमिकल्स में पेट्रोकेमिकल्स, एडवांस्ड मटेरियल के अलावा एलजी दवाएं आदि भी बनाती है। टेलीकाॅम-सर्विसेस में आईटी के साथ क्लाउड सर्विसेस भी देती है। एलजी सोलर साॅल्यूशन, एनर्जी मैनेजमेंट साॅल्यूशन भी प्रदान करती है।
फोकस:
भारत में टीवी का बाजार करीब 35,700 करोड़ रूपए का है। 2021 में एलजी इलेक्ट्राॅनिक्स का भारत में मार्केट शेयर 27 फीसदी था। हालांकि स्मार्ट टीवी के बाजार में एलजी का 8 फीसदी शेयर है। इस सेगमेंट में शीयोमी नंबर वन कंपनी बनी हुई है। एलजी की भारत में शुरूआत चुनौतियों से भरी रही थी। भारत सरकार द्वारा विदेशी कंपनियों के स्वतंत्र रूप से उत्पादन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद 1986 से 1996 तक एलजी को भारतीय बाजार में जगह नहीं मिली थी। 1997 में इजाजत मिलने के बाद एलजी ने भारत में अपना उत्पादन शुरू किया और अपने पहले साल में 33.97 मिलियन डाॅलर का रेवेन्यू कमाया। साल 2016 में भारत में एलजी को मोस्ट अट्रैक्टिव ब्रांड का अवाॅर्ड मिला था।
