SamSung Success Story | सैमसंग सफ़लता की कहानी

नमस्कार साथियों, आज के इस पोस्ट में हम सैमसंग इलेक्ट्राॅनिक्स कंपनी की सफलता की कहानी जानेंगे।
मोबाइल और टीवी के बिजनेस में दुनिया की नंबर-1 कंपनी सैमसंग को फ़ोर्ब्स ने सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता यानी एम्प्लाॅयर की सूची में नंबर-1 पर रखा है। इसका मतलब है कि काम करने के लिहाज से यह कंपनी दुनिया में सबसे अच्छी है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक सैमसंग नेटवर्क में 74 देशों में कुल 2,87,439 कर्मचारी काम करते हैं। 84 साल पुरानी कंपनी सैमसंग के नंबर एक बनने की कहानी भी बहुत रोचक हैं शुरूआत में यह नूडल्स बनाती थी, फिर ग्रोसरी के बिजनेस में कदम रखा। इसके बाद इलेक्ट्राॅनिक में आई। नकल करके उत्पाद बनाने वाली कंपनी सैमसंग ने लगातार इनोवेशन और डिजाइनिंग में बदलाव करके नंबर-1 तक की अपनी यात्रा पूरी की।
30 साल पहले सैमसंग सिर्फ दूसरी कंपनियों के लिए किफायती-नकल करते हुए उपकरण बनाती थी। इंजीनियरिंग पर ज्यादा फोकस करने वाली सैमसंग का ध्यान डिजाइनिंग पर नही था। पर अब यह डिजाइनिंग में भी शीर्ष पर है। यह डिजाइन की पावरहाउस कही जाती है। इस साल कंपनी को डिजाइनिंग से जुड़े कुल 71 प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।
तथ्य यह भी है कि जब कंपनी के चेयरमैन ली कुल सैमसंग उत्पादों की क्वालिटी से संतुष्ट नहीं थे, उन्होंने कंपनी के 2 हजार कर्मचारियों को साउथ कोरिया की फैक्ट्री के बाहर इकट्ठा किया और डेढ़ लाख फोन और फैक्स मशीन को जमा करके उनमें आग लगा दी।

कब बनी: 1938 मार्केट कैप: 22 लाख करोड़ रूपए

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इतिहास:

सैमसंग की शुरूआत दक्षिण कोरिया में 1 मार्च 1938 को ‘ली ब्यूंग चुल’ ने रखी थी। उस वक्त यह कंपनी ड्राई फिश, ग्रोसरी, नूडल्स का बिजनेस करती थी। 30 साल बाद कंपनी ने इंष्योरेंस, रिटेल, सिक्योरिटी बिजनेस में कदम रखे। फिर 1969 में पहली बार इलेक्ट्राॅनिक्स में पैर जमाए। 1970 में पहला ब्लैक एंड व्हाइट P-3202 टेलीविजन सेट लाॅन्च किया। इसके बाद सैमसंग ने फ्रिज, एयर कंडीशनर, वाषिंग मशीन, वीसीआर और कैमरा जैसे बहुत से इलेक्ट्राॅनिक उत्पाद बनाए। 1986 में पहला बिल्ट-इन-कार फोन SC-100 लाॅन्च किया। 1996 में सैमसंग ने नोएडा में अपना पहला प्लांट खोलकर टीवी बनाना शुरू किया। साल 2005 से उसी प्लांट में मोबाइल फोन बनना शुरू हुआ। साल 2005 से उसी प्लांट में मोबाइल फोन बनना शुरू हुआ। भारत में बिकने वाले मोबाइल फोन में 19% सैमसंग के हैं।

बिजनेस:

सैमसंग इलेक्ट्राॅनिक्स मोटे तोर पर चार क्षेत्रों में काम करती है। कंज्यूमर इलेक्ट्राॅनिक, आईटी एंड मोबाइल कम्युनिकेशन, डिवाइस साॅल्यूशन और रिसर्च-डेवलपमेंट सेंटर। हालांकि सैमसंग ग्रुप रियल एस्टेट में भी काम करता है। कंज्यूमर इलेक्ट्राॅनिक्स में विजुअल डिसप्ले, इसमें एलसीडी, ओएलईडी डिसप्ले, क्यूएलईडी टीवी आदि का बिजनेस है। इसके अलावा स्वास्थ्य उपकरण भी कंपनी बनाती है। आईटी-मोबाइल कम्युनिकेशन में मोबाइल के अलावा इसके नेटवर्क से जुड़ा आधारभूत ढांचा भी तैयार करती है। सैमसंग डिवाइस साॅल्यूशन के तहत 1993 में मेमोरी कार्ड बना रही है। इसके अलावा सेमीकंडक्टर, प्रोसेसर भी बना रही है। 2010 के बाद सैमसंग ने जब गैलेक्सी एस फोन लाॅन्च किया तो सिर्फ भारत ही नहीं दुनियाभर में इसकी जबरदस्त मांग रही।

रिसर्च:

सैमसंग कोरियाई शब्द है और इसका मतलब होता है 3 स्टार। कोरियन संस्कृति में 3 को ताकतवर अंक माना गया हैं। सैमसंग के सबसे बड़े ग्राहकों में एपल, बेस्ट बाय, डिट्यूश टेलीकाॅम, वेरिजाॅन और ताइवान की सुप्रीम इलेक्ट्राॅनिक कंपनी है। सैमसंग का 15 प्रतिशत रेवेन्यू इन्हीं कंपनियों से आया। सैमसंग रिसर्च और इनोवेशन पर खर्च लगातार बढ़ाती जा रही है। इसने बीते साल R&D पर 13.73 अरब डाॅलर खर्च किए। सैमसंग ने अपने पहले सफल फोन एसएच-700 को भी कर्मचारियों के सामने ही जला दिया था। दरअसल मार्केट में उतारे जाने के बाद भी उसमें कमियां दिख रही थीं। साल 2016 में सैमसंग गैलेक्सी नोट 7 स्मार्टफोन में ब्लास्ट के कई मामले सामने आए थ। साथ ही फोन में ओवर हीटिंग की समस्या आ रही थी। शुरूआत में कंपनी ने फोन वापस मंगाए।

सैमसंग के प्रिंस:

सैमसंग का मालिकाना हक इसके संस्थापक परिवार के पास ही है। ली ब्यूंग की मौत के बाद उनके बेटे ली क्यू नही चेयरमैन बने। फिर उनके निधन के बाद उनके बेटे ली-जे-योंग सैमसंग के चेयरमैन बने थे। हालांकि 2017 में उन पर राष्ट्रपति को दो बार रिष्वत देने के आरोप लगे थे। इसके बाद लोग सरकार और व्यापारिक घरानों के बीच संबंधों को लेकर सड़कों पर उतर आए थे। अब विवादों के बीच ली-जे-योंग को एक्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाया गया है।

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