नमस्कार साथियों आप सभी का स्वागत है, हमारे इस ब्लाॅग पर साथियों आज के इस पोस्ट में हम देश की पहली यूनिकाॅर्न गेमिंग कंपनी, फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनी Dream-11 की सफलता की कहानी साझा करेंगे।
Dream-11:
देश का सबसे बड़ा फैंटेसी गेम प्लेटफाॅर्म है, जैसा इसका नाम है वैसी ही इसकी शुरूआत भी किसी स्पोर्ट्स के नियमन से जुड़ी चुनौतियों के बीच Dream-11 अब गेमिंग डेवलपमेंट के साथ स्पोर्ट्स मचेंडाइजिंग क्षेत्र में भी उतर रही है, साथ ही एक्सपीरियेंशल टूरिज्म में भी हाथ आजमा रही है, डेलाॅयट और फेडरेशन ऑफ़ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक वित्तिय वर्ष 2021 में देश में फैंटेसी स्पोर्ट्स का कारोबार 34,600 करोड़ रूपए का रहा, वित्तिय वर्ष 2025 तक इसके एक लाख 65 हजार करोड़ रूपए तक पहुंचने का अनुमान है, Dream-11 की अब तक की यात्रा और भविष्य की योजनाओं पर बात करेंगे।
Dream-11 | Facts |
---|---|
CEO | Harsh Jain |
Co Founder | Bhavik sheth |
Start | 2008 |
Fantasy | Number One in India |
Match | 11 Sports Dream-11 App Included |
Partners | 40 Sports Institutions Official Partners |
Users | 13 Crore + |
Matches Number | 10000 + |
हर्ष जैन:
हर्ष जैन, को-फाउंडर, सीईओ अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेंसिलवेनिया से इंजीनियरिंग, कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एमबीए, हर्ष कंपनी में टेक, प्रोडक्ट, डिजाइन, मार्केटिंग संभालते हैं।
भावित शेठ:
भावित को-फाउंडर इंजीनियरिंग ग्रैजुएट, बैंटले यूनिवर्सिटी बोस्टन से एमबीए, हार्वर्ड से ई-काॅमर्स स्ट्रेटजी में डिप्लोमा, सीओओ हैं, कंपनी के विभिन्न Oprations संभालते हैं।
शुरूआती सफर:
हर्ष अपनी पढ़ाई के दिनों में साल 2001 से ही अमेरिका में फैंटेसी फुटबाॅल खेलते थे, फुटबाॅल और क्रिकेट खेलने का जुनून भी बचपन से था, 2008 में भारत में आईपीएल की भी शुरूआत हुई, इस बीच उन्हें फैंटेसी क्रिकेट का आइडिया आया, हर्ष बताते हैं कि मैं इसका आइडिया लेकर दोस्तों के पास गया, पर उनमें से सिर्फ भावित ने साथ में काम करने के लिए कहा, हर्ष और भावित ने शुरू के 7 साल तक बिना बाहरी फंडिंग के काम किया, फिर बाद में वेंचर केपिटलिस्ट्स से फंड लिए, हर्ष के मुताबिक इसका उद्देष्य यह साबित करना था कि बाहर के निवेशक भी ड्रीम-11 में विष्वास करते हैं, अप्रैल 2019 में ड्रीम-11, यूनिकाॅर्न बनने वाली देश की पहली गेमिंग कंपनी बन गई।
इनोवेशन:
हर्ष कहते हैं ड्रीम-11 सबको सिलेक्टर बनने का मौका देता है, हर टीम में सिलेक्टर कमेटी रहती है, जो 30-40 खिलाड़ियों में से कुछ चुनती है, इसमें बहुत सारा स्किल जाता है कि किस पिच, वैदर में, किस के खिलाफ किसको बैटिंग-बाॅलिंग आदि करनी चाहिए, बहुत सारे टेस्ट भी कराए, जो गणितीय रूप से साबित करते हैं कि यह हुनर का खेल है, हर्ष कहते हैं कि विभिन्न राज्यों की हाईकोर्ट ने पांच बार और सुप्रीम कोर्ट ने तीन बार ड्रीम-11 केस का प्रूव किया कि यह जुआ या सट्टा नहीं है, पर स्किल के आधार पर खेला जाने वाला खेल है, जिसे बाकी बिजनेस खेला जाने वाला खेल है, जिसे बाकी बिजनेस की ही तरह देश के संविधान के तहत संरक्षण मिला हुआ है, यू-ट्यूब पर ड्रीम-11 के लाखों वीडियोज खिलाड़ियों का विष्लेषण करते हैं।
बिजनेस प्रारूप:
साथियों ड्रीम-11 की शुरूआत वर्ष 2008 में हुई, चूंकि उस समय यह माॅडल काम नहीं कर रहा था तो हर्ष-भावित ने रेड डिजिटल नाम से डिजिटल सर्विस एजेंसी शुरू की, 2011 में ड्रीम-11 वेबसाइट लाॅन्च की, फिर 2012 में ड्रीम-11 का फ्री, पर विज्ञापन आधारित माॅडल लाए, 2015 में एप लाॅन्च हुआ, 2019 में इसने फैनकोक, ड्रीम सैट गो, ड्रीम पे शुरू किया, कंपनी अब गेम डेवलपमेंट डिवीजन में भी है, इसने 2021 में रोलोक्यूल गेम्स को खरीदकर ड्रीम गेम स्टूडियोज नाम दिया, ड्रीम-11 की मुख्य कमाई प्लेटफाॅर्म फीस (10 से 15 प्रतिशत) से होती है, कंपनी या उनकी कोई टीम इसके यूजर्स के खिलाफ नहीं खेलती, कंपनी के दावों के मुताबिक सारी प्रक्रिया में पारदर्षिता के साथ नियमों का पालन होता है।
लाइफ और बिजनेस लेसन:
ड्रीम-11 के सीईओ हर्ष का कहना है कि जिंदगी में हार मत मानों, सपने देखना कभी मत छोड़ो, बिजनेस लेसन पर वह कहते हैं कि बिजनेस अपने आप नहीं चलता, वह आपकी टीम से ही चलता है, इसलिए लोगों को मोटिवेट करना, गाइड करना बहुत जरूरी है, चुनौतियों पर वह कहते हैं कि 14 साल पहले हम जब इस बिजनेस में आए तो शुरूआती 8 साल तक कोई प्रतिस्पर्धी नहीं था, अब फैंटेसी स्पोट्र्स में 300 कंपनियां हैं, अंग्रेजी में कहावत है कि ‘राइजिंग टाइड लिफ्ट्स ऑल बोट्स’। ऐसे में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से पूरी इंडस्ट्री ग्रो करती है।
