Mallikarjun Kharge Biography | मल्लिकार्जुन खड़गे जीवन-परिचय

नमस्कार साथियों, आज के इस पोस्ट में हम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व भावी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का जीवन-परिचय बताऐंगे, साथ ही उनके जीवन के अब तक के उतार-चढ़ाव व उनके राजनैतिक सफर को भी बारीकी से जानने की कोशिश करेंगे।

NameMallikarjun Kharge
Date Of BirthJuly 21, 1942
PlaceWarwatti, Bhalki Taluk, Bidar District
EducationGraduate Professional
ProfessionPolitician & Advocate
Father’s NameShri Mapanna
Mother’s NameSmt. Saibavva
Spouse’s NameSmt. Radhabai
Children3 Son(s) 2 Daughter(s)
ReligionHindu
CastDalit

खड़गे कांग्रेस के अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, वे 50 साल से ज्यादा समय से कांग्रेस पार्टी में है, गांधी परिवार की उन पर कृपा रही हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष बन सकते हैं, 80 वर्षीय खड़गे गांधी परिवार के वफादार नेताओं में से एक माने जाने जाते हैं, कर्नाटक के दलित परिवार में जन्में खड़गे पिछले 50 साल से कांग्रेस की ओर से जनप्रतिनिधि है, इस दौरान उन्होंने 12 चुनाव (9 विधानसभा, 3 लोकसभा) लड़े, जिसमें से लगातार 11 जीते, सिर्फ 2019 का पिछला चुनाव वे हारे, 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 44 सीटों पर ही सिमट गई थी, तब पार्टी हाईकमान ने उन्हें लोकसभा में कांग्रेस पार्टी का लीडर चुना था, तब खड़गे ने भाजपा को कौरव सेना कह दिया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था, अब जब कांग्रेस में पार्टी अध्यक्ष के मुद्दे पर विवाद और संकट है तो फिर खड़गे को लाया गया है, गुलाम नबी आजाद का टर्म खत्म होने के बाद खड़गे को राज्यसभा का नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था, हालांकि पार्टी के इस वफादार नेता को कभी मुख्यमंत्री पद नहीं मिला, उन्होंने तीन बार कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश किया, लेकिन सफल नहीं रहे, खड़गे अध्यक्ष का चुनाव जीतते हैं तो इस पद पर पहुंचने वाले बाबू जगजीवन राम के बाद दूसरे दलित नेता होंगे।

परिवार:

मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म कर्नाटक के बीदर जिले के वारवट्टी गांव में हुआ था, जब वह 7 साल के थे तब दंगों में मां और परिवार के सदस्यों को खोना पड़ा, इसलिए उनका परिवार घर-बार छोड़कर पड़ोस के गुलबर्गा जिले में आकर बस गया, साल 1972 में खड़गे की शादी राधाबाई से हुई, खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे भी राजनीति में सक्रिय हैं और कांग्रेस के नेता है, मौजूदा समय में प्रियांक कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के चित्तापुर विधानसभा सीट से विधायक हैं और 2 बार मंत्री पद पर भी रह चुके हैं।

शिक्षा:

खड़गे ने गुलबर्गा के नूतन विद्यालय से स्कूली शिक्षा प्राप्त की, पढ़ाई में वह औसत थे, लेकिन स्पोर्ट्स में स्कूल टीम के स्टार थे, फुटबाॅल, हाॅकी और कबड्डी जैसे खेलों में शानदार थे और जिला व डिवीजन लेवल पर अपने स्कूल को रिप्रेजेंट भी कर चुके हैं, कबड्डी टीम में उनकी भूमिका रेडर ( अटैकिंग प्लेयर ) की थी, पढ़ाई के दौरान अपने खर्च के लिए खड़गे एक सिनेमा हाॅल में नौकरी भी करते थे, खड़गे काॅलेज के दिनों से ही राजनीति में सक्रिय थे, गुलबर्गा के सरकारी काॅलेज में उन्होंने पहली बार किसी चुनाव में जीत हासिल की थी,और काॅलेज छात्रसंघ की राजनीति की थी, उन्हें काॅलेज छात्रसंघ महासचिव के पद पर जीत मिली थी, लाॅ की डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने न्यायमूर्ति शिवराज पाटिल के नेतृत्व में लाॅ प्रैक्टिस भी जारी रखी, श्रमिकों से जुड़े कई मामलों में उन्होंने पैरवी की।

राजनैतिक सफर:

खड़गे ने 1972 में पहली बार गुरमीतकल सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, इसके बाद 2009 तक हर विधानसभा चुनाव जीता, 2009 में लोकसभा चुनाव भी लड़ा और विधानसभा सीट छोड़कर पहली बार सांसद बने, 2014 में फिर सांसद बने, इस तरह 47 साल तक कभी नहीं हारे, पहली बार 2019 में हार का मुंह देखना पड़ा, तब कांग्रेस ने खड़गे को राज्यसभा की सीट दी और वे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष भी बने।

रोचक तथ्य:

इनके बच्चों के नाम नेहरू-गांधी परिवार से प्रेरित बताए जाते हैं, जैसे- दो बेटों का नाम राहुल और प्रियांक है, जबकि एक बेटी का नाम प्रियदर्षनी है।
2006 में खड़गे ने बताया था कि वो बौद्ध धर्म को मानते हैं और अंबेडकर के आदर्षों पर चलते हैं।
कर्नाटक सीएम बनने के लिए 3 बार दावेदार रहे, 1999 में उनकी जगह एसएम कृष्णा को और 2004 में इनके दोस्त रहे धर्म सिंह को सीएम की बना दिया गया और 2013 में तीसरी बार सिद्धारमैया ने खड़गे को सीएम की रेस में पछाड़ दिया।

विवाद:

जब बेटे प्रियांक को सिद्धारमैया सरकार में मंत्री बनाया गया तो खड़गे पर वंशवाद को बढ़ाने का आरोप लगा।
बेटी प्रियदर्षनी को नियम विरूद्ध बेगलुरू में प्राॅपट्री दिलवाने का आरोप लगा, यह प्राॅपट्री उन्हें लौटानी पड़ी थी।

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