Elon Musk कैसे बने दुनिया के सबसे अमीर आदमी | Story of Elon Musk | Biography

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मेहनत हर इंसान अपनी जिंदगी में करता है लेकिन मेहनत के साथ जुनून और नये आईडिया हो तो कुछ ऐसा देखने को मिलता है जो दुनिया को चोका देता है हमे ऐसे ही लोगों के बारे में जानना चाहिए जिनकी जिंदगी में संघर्ष होते हुए भी वो कैसे आगे सफल हो जाते है जिसे जानकर किसी भी इंसान की जिंदगी में हिम्मत, हौसला और विश्वास मिलता है उम्मीद के सहारे कामयाबी की तरफ पहला कदम उठाने की भी ताकत मिलती है। आज के इस पोस्ट में हम एक ऐसे नाम की चर्चा करेंगे जो पेपल, टेस्ला मोटर्स, स्पेस एक्स और भी अनेक ऐसी कंपनियां है जिनके मालिक है जीं हाँ हम बात कर रहे है एलाॅन मस्क की, जिनकी जिंदगी युवाओं के लिए विशन और काफी प्रेरणादायीं भी है।
एलाॅन मस्क को फोब्र्स ने 2016 में दुनिया का सबसे पाॅवरफूल लोगों में शुमार किया था एलन मस्क का जन्म 1971 में दक्षिण अफ्रीका में हुआ और 9 साल की उम्र में उन्हें अपना पहला पर्सनल कंम्यूटर मिला इससे एलन को प्रोगामिंग में दिलचस्पी मिली और उन्होंने इसे खुद सीखना शुरू कर दिया।
17 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ने का फैसला लिया और कनाडा चले गए आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने कम सैलरी पर काम करना शुरू कर दिया और एक समय ऐसा भी आया जब एलन मस्क मानसिक बीमारी से ग्रस्त हो गए लेकिन मस्क ने बहुत ही जल्द इस बीमारी को भी मात दे दी मस्क अक्सर यह कहते नजर आते है कि सबसे मुश्किल काम सही सवालों के साथ अपने आप को पेश करना है और जिस दिन उन्होंने ऐसा करना शुरू कर दिया उसी दिन से बाकी सभी सवाल आसान हो गए।
एलन मस्क बचपन से ही उन लोगों में शामिल होना चाहते थे जो दुनिया को बदल दे मस्क ने सोचा की किन चीजों का इंसान के भविष्य पर सबसे ज्यादा प्रभाव होगा और मस्क ने पाया इंटरनेट और अंतरिक्ष काॅलोनाइजेशन वह इन सभी में अपना योगदान करने की कोशिश करना चाहते थे। उन्होंने 1995 में अपने भाई किम्बल मस्क के साथ मिलकर अपनी पहली आईटी कंपनी जिप 2 बनाई उस समय इंटरनेट का तेजी से विकास हो रहा था। 1999 में सबसे बड़े सर्च इंजन अल्टा विस्टा ने जिप 2 307 मिलियन डाॅलर और 34 मिलियन डाॅलर सिक्योरिटीज में खरीदा।
इसी साल एलन मस्क ने इलेक्ट्राॅनिक पेमेंट पर काम करना शुरू किया एक्स डाॅट काॅम उनका स्टार्टअप कारोबार बन गया 2001 में एक्स डाॅट काॅम का नाम बदलकर पेपल रखा गया और एलन को पेपल के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया।
साल अक्टूबर 2002 में पेपल को ईबे द्वारा 1.5 बिलियन डाॅलर में खरीद लिया गया पेपल के बाद मस्क का अगला पड़ाव था अंतरिक्ष हालांकि इन सबकी उनके पास कोई भी किसी प्रकार की डिग्री नहीं थी लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन की बदौलत उन्होंने इसका ज्ञान प्राप्त करना शुरू किया और दुनिया में उनकी कुछ अलग करने की सोच ने ही उनको आज इस मुकाम पर पहुँचाया।
मस्क की तीसरी कंपनी का नाम स्पेस एक्स है जिसका मुख्य लक्ष्य इंसान को अंतरिक्ष में भेजने वाले यान का निर्माण करना था और मंगल ग्रह पर मानव बस्ती को बसाना था। उनके इन्हीं इरादों की वजह से आज वो दुनिया के सबसे पाॅवरफूल लोगों की लिस्ट में शूमार हुए।
ऐसा भी नहीं है कि एलन मस्क का हर बार सफलता ही हासिल हुई उनके 2006 से 2008 के बीच उनके पहले तीन उड़ान के प्रयास विफल रहे लेकिन इतने में मस्क ने हार नहीं मानी और 28 सितंबर 2008 को चैथे प्रयास के दौरान फेलकाॅन 1 आर्बिट में पहुँचा।
नासा मस्क की इन उपलब्धियों से काफी प्रभावित हुआ और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की कक्षा से उड़ान भरने के लिए 1.6 बिलियन डाॅलर के साथ स्पेस एक्स के साथ समझौता किया।
2003 में इंजिनियर मार्टिन एबरहार्ड और मार्क टेरपिंग ने टेस्ला मोटर्स की स्थापना की थी और एलन मस्क 2004 में इस कंपनी के साथ जुड़े और उन्होंने इस प्रोजेक्ट में 70 मिलियन डाॅलर का निवेश किया और उन्हें बोर्ड आॅफ डायरेक्टर का चेयरमैन बनाया गया।
मस्क ने अपनी पहली इलेक्ट्राॅनिक कार को डिजाईन करने में अहम योगदान दिया जो कि दुनिया भर में तेजी से बढ़ती तेल की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए लोगों को नया विकल्प देने जा रही है। अब भारत में भी जल्द ही टेस्ला मोटर्स निवेश करने जा रहा है जहाँ बेंगलुरू में टेस्ला का पहला आॅफिस बनेगा। टेस्ला की भारत में एंट्री से भारत में ई-कार के उद्योग में काफी तेजी आयेगी और रोजगार के नए अवसरों का भी सृजन होगा।
जनवरी 2020 में एलन मस्क की कुल संपति 20 अरब अमेरिकी डाॅलर थी फाॅब्र्स ने मस्क को दुनिया के 53 वें सबसे अमीर व्यक्ति के रूप चुना। मस्क की जिंदगी अपने आप में ही प्रेरणा है उन्होंने उन क्षेत्रों में अपना परचम फहराया जिनकी उनके पास न तो कोई डिग्री थी और न ही कोई संसाधन लेकिन अपनी मजबूत इच्छाशक्ति और लगन में किताबे पढ़कर अपने ज्ञान के स्तर को उन सीमाओं तक पहुँचाया जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल नजर आता हैं कई विफलताओं के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपनों को साकार किया।

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