कोरोना के संकटकाल में लोगों का सहारा बनकर उभरी है कोरोना की वैक्सीन लेकिन दुनिया में सबसे सस्ती भारतीय कोरोना वैक्सीन के भी अब दाम बढ़ गए है और कोविशील्ड ने नए दाम तय कर दिए है तो को-वैक्सीन के बेहद असरदार होने का दावा किया गया है यही वजह है कि केंद्र की मोदी सरकार ने कुछ दिनों पहले 18 साल से ऊपर के सभी वर्ग के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने को मंजूरी दे दी है लेकिन इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए इसके दाम भी बढ़ा दिए है सीरम इंस्टीटयूट ने कोविशील्ड के दाम तय किए है राज्य सरकारों को वैक्सीन 400 रूपए में दी जाएगी जबकि प्राइवेट अस्पतालों को 1 डोज 600 रूपए में मिलेगा। अगले 2 महीने 50 प्रतिशत वैक्सीन भारत सरकार को दी जाएगी जबकि 50 प्रतिशत वैक्सीन राज्यों और 50 अस्पतालों को दी जाएगी। इसका सीधा मतलब यह हुआ की सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली फ्री वैक्सीन के अलावा प्राइवेट अस्पतालों में जो कोविशील्ड वैक्सीन केंद्र सरकार की कपिंग की वजह से 250 रूपए में मिलती थी वो 600 रूपए से ज्यादा में ही मिलेगी।
अभी तक सिर्फ केंद्र सरकार ही सिर्फ वैक्सीन खरीद रही थी और अलग-अलग राज्यों में बांट रही थी मगर अब कोविशील्ड राज्य सरकारों के साथ प्राइवेट अस्पतालों को भी दी जाएगी। सीरम इंस्टीटयूट का दावा है की उनकी वैक्सीन विदेशी वैक्सीन के मुकाबले काफी सस्ती है लेकिन फिर भी देशी वैक्सीन को प्रमोट नहीं करने की वजह से बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाए है।
वहीं दूसरी भारतीय वैक्सीन को लेकर भी बड़ा दावा है भारतीय कंपनी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लेकर आईसीएमआर की स्टडी में बड़ा दावा किया गया है दावा यह है कि कोवैक्सीन कोरोना के कई वैरिएंट पर असरदार साथ ही कोवैक्सीन से डबल म्यूटेंट स्ट्रेन भी खत्म होता है यानि कोवैक्सीन के ज्यादा प्रभावी बताए जाने का मतलब यह है कि आने वाले दिनों में इसकी डिमांड ज्यादा बढ़ने वाली है साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि इसके दाम भी तेजी से बढ़ने वाले है इन सबके बीच भारत बायोटेक ने एक साथ 70 करोड़ वैक्सीन के डोज बनाने की तैयारी कर ली है दरअसल 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को यह वैक्सीन लगाई जाने वाली है जबकि यूपी, एमपी और छतीसगढ़ की सरकारों ने ऐलान कर दिया 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी युवाओं को सरकारी अस्पतालों में कोरोना का पहला डोज फ्री मिलने वाला है।