क्रिप्टोकरेंसी से पर्यावरण को फायदे व नुकसान

सोशल मीडिया पर अधिकतर लोग विश्वास करते है कि क्रिप्टोकरेंसी पर्यावरण के लिए नुकसानदेह है। कई अध्ययनों का अनुमान हे कि ग्लोबल स्तर पर बिटकाॅइन नेटवर्क को सुरक्षित रखने वाली प्रक्रिया-बिटकाॅइन माइनिंग मे हर साल फिलीपींस, वेनेजुएला सहित अधिकतर देशो से अधिक बिजली खर्च होती है। दूसरी ओर क्रिप्टो समुदाय के सदस्यों की दलील है कि वास्तव में क्रिप्टो माइनिंग कई तरह से पर्यावरण के लिए अच्छी है। वे कहते है, वह अक्षय ऊर्जा के स्त्रोतों को बढ़ावा देगी।
इस बीच अमेरिका में क्रिप्टो के विस्तार को आघात लगा है। न्यूयाॅर्क में 30 जून को अधिकारियों ने बिटकाॅइन माइनिंग के Operation-ग्रीनिज जनरेशन को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। उनका कहना है, प्रोजेक्ट से ग्रीनहाउस गैसों का बहुत अधिक उत्सर्जन होगा। क्रिप्टो समर्थक कहते है, माइनिंग प्रक्रिया के लिए ज्यादातर माइनर कोयला, गैस के बजाय विंड, सोलर और पनबिजली जैसे ऊर्जा के नवीनीकृत स्त्रोतों का इस्तेमाल करते है। हालांकि इस वर्ष एक स्टडी ने उल्टी स्थिति पेश की है। बिटकाॅइन नेटवर्क में अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों का उपयोग 2020 के 42 प्रतिशत से घटकर 2021 में 25 प्रतिशत रह गया। क्रिप्टो मे ऊर्जा के नवीनीकृत स्त्रोतों के इस्तेमाल पर विवाद है। बिटकाॅइन माइनिंग काउंसिल का कहना है, 60 प्रतिशत माइनिंग ऊर्जा के नवीनीकृत स्त्रोतों से होती है। दूसरी और कैम्ब्रिज फाइनेंस सेंटर ने इसे 40 प्रतिशत बताया है।

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