बारकोड (Barcode) क्या है ? सम्पूर्ण जानकारी

बारकोड (Barcode) क्या है ?

बारकोड (Barcode) एक प्रकार का ग्राफिकल रेखांकन प्रणाली है जिसे उत्पादों, पैकेजिंग, दस्तावेज़ों, पुस्तकों, टिकटों और अन्य आइटमों की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह विभिन्न संगठनों, व्यापारियों और उद्योगों द्वारा उपयोग किया जाता है ताकि उन्हें उत्पादों की जानकारी को प्रबंधित करने में मदद मिल सके।

बारकोड में जानकारी तात्कालिक रूप से संकेतों के रूप में प्रकट होती है जो दो समरूपताओं के बीच रेखांकन के माध्यम से दर्शाए जाते हैं। इन संकेतों को स्कैनर या बारकोड पढ़ने के उपकरण द्वारा पढ़ा जाता है, जो उपयोगकर्ता को उत्पाद के विवरणों जैसे नाम, मूल्य, मात्रा, ब्रांड आदि की जानकारी प्रदान करते हैं।

बारकोड उपनामग्रंथ (Universal Product Code, UPC) और इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बारकोड (International Standard Book Number, ISBN) जैसे प्रमुख मानक प्रणालियों का पालन करता है। इन मानकों में एक स्थिर डिजिटल कोड बनाने के लिए संगठनों द्वारा निर्धारित नियम शामिल होते हैं।

बारकोड के प्रकारों में आपको आधारित कोड (Numeric Code), मानचित्रित कोड (Barcode) और 2D बारकोड (2D Barcode) शामिल होते हैं। न्यूमेरिक कोड में संख्याओं का एक सिरीज़ होता है जो उत्पाद को पहचानने के लिए उपयोग की जाती है। बारकोड में आंकड़े विभिन्न गर्दभ में स्थित होते हैं और उपयोगकर्ता द्वारा पढ़ा जा सकता हैं। 2D बारकोड बहुत सारी जानकारी को संग्रहित कर सकता है, जिसमें पाठ, फ़ोटो, लिंक आदि शामिल हो सकते हैं।

बारकोड प्रणाली उत्पादों के प्रबंधन को सुगम और तेज बनाने के साथ-साथ उत्पादों की पहचान को भी सुगम बनाती है। उदाहरण के लिए, व्यापारी या ग्राहक बारकोड पढ़ने के उपकरण का उपयोग करके उत्पाद के विवरणों तक पहुंच सकते हैं, जिससे उत्पादों के खरीदार को माहिती मिल सकती है और व्यापारी को उत्पादों की सटीक जानकारी रखने में मदद मिलती है।

बारकोड का इतिहास (History of Barcode in Hindi) :

बारकोड का विकास और इतिहास व्यापारिक और औद्योगिक संबंधों के क्षेत्र में गहराई से जुड़ा हुआ है। बारकोड का प्रयोग उत्पादों की पहचान और प्रबंधन के लिए आवश्यकता से उत्पन्न हुआ। यहां बारकोड के महत्वपूर्ण मोमबत्ती चिंटक के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं का वर्णन है:

प्रारंभिक प्रयोग: बारकोड का प्रारंभिक रूप 1948 में अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. नॉर्मन वुडलैंड (Norman Woodland) और उनके सहकर्मी बर्नर्ड सिल्वर (Bernard Silver) ने विकसित किया था। उन्होंने एक आइडिया प्रस्तावित किया था जिसमें एक चिंटक की मदद से उत्पादों की पहचान की जा सकती है।

पेटेंट और संगठन: वुडलैंड और सिल्वर ने बारकोड की तकनीक का विकास किया और 1952 में अपने इस आविष्कार के लिए पेटेंट प्राप्त किया। इसके बाद, उन्होंने एक कंपनी नामित रेडियोन कॉर्पोरेशन ऑफ अमेरिका की स्थापना की जिसे बाद में उन्होंने वियवसायिक स्कैनिंग कंपनी (Symbol Scanning Company) के नाम से जाना जाता है।

बारकोड संगठन: 1970 के दशक में बारकोड संगठन (Barcode Corporation) नामक एक संगठन गठित किया गया, जिसने बारकोड प्रणाली को मानकीकृत करने का कार्य किया। यह संगठन ने प्रमुख वित्तीय और उद्योगिक संगठनों के साथ मिलकर बारकोड प्रणाली को व्यापारिक उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया।

जीआईएन: 1974 में बारकोड संगठन ने विदेशी वाणिज्यिक परियोजनाओं के लिए एक वैश्विक नेटवर्क के रूप में जीआईएन (Global Trade Item Number, GTIN) का निर्धारण किया। जीआईएन बारकोड संबंधित संख्याओं की प्रबंधन और वित्तीय सूचना को आसान बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।

आज, बारकोड प्रणाली व्यापारिक, वित्तीय और औद्योगिक क्षेत्र में आमतौर पर प्रयुक्त होती है और उत्पादों की पहचान, स्टॉक प्रबंधन, वित्तीय सूचना, लोगिस्टिक्स आदि में मदद करती है।

Barcode के प्रकार  (Types Of Barcode in Hindi) :

बारकोड कई प्रकार के होते हैं। यहां कुछ प्रमुख बारकोड प्रकारों का उल्लेख किया गया है:

  1. UPC (Universal Product Code): यह सबसे प्रसिद्ध और आमतौर पर प्रयुक्त बारकोड प्रकार है। इसे खाद्य उत्पादों, खरीदारी के उत्पादों, औद्योगिक सामग्री आदि की पहचान के लिए उपयोग किया जाता है। यह 12 अंकों का होता है जिसमें उत्पाद कोड, मान्यता प्रतीक और समानार्थक बिट्स शामिल होते हैं।
  2. EAN (European Article Numbering): यह उत्पादों की पहचान के लिए विशेष रूप से यूरोप में प्रयुक्त होता है। EAN-13 और EAN-8 दो प्रमुख रूप हैं। EAN-13 में 13 अंक होते हैं और EAN-8 में 8 अंक होते हैं।
  3. Code 39: यह एक अल्फान्यूमेरिक बारकोड है जिसमें अक्षरों, संख्याओं और विशेष विशेषकों का उपयोग किया जाता है। यह विभिन्न उद्योगों, वित्तीय संस्थाओं और लॉजिस्टिक्स में उपयोग होता है।
  4. Code 128: यह एक उच्च संकेतक बारकोड है जिसमें अक्षरों, संख्याओं और विशेष विशेषकों का उपयोग किया जाता है। यह बहुत संघटित जानकारी को संकेतित कर सकता है और वित्तीय संस्थाओं, वितरण के क्षेत्र में उपयोग होता है।
  5. QR Code (Quick Response Code): QR कोड 2D बारकोड है जिसमें ज्यामिति और सामग्री का एक संकेत शामिल होता है। यह अधिक जानकारी को संग्रहित कर सकता है, जैसे कि पाठ, वेबसाइट का लिंक, फ़ोटो, वीडियो आदि। इसे अधिकांश उद्योगों में विपणन, प्रमुखतः डिजिटल माध्यमों में उपयोग किया जाता है।

ये कुछ मुख्य बारकोड प्रकार हैं, लेकिन इसके अलावा भी अन्य बारकोड प्रकार हैं जैसे Data Matrix, PDF417, Codabar, ITF-14 आदि। प्रत्येक बारकोड प्रकार का उपयोग उसके विशिष्ट उद्देश्यों और आवश्यकताओं के आधार पर किया जाता है।

बारकोड कैसे काम करता है? (How Does Barcode Work in Hindi) :

बारकोड बनाने के लिए आप निम्नलिखित कदमों का पालन कर सकते हैं:

  1. बारकोड जेनरेटर चुनें: आपको एक बारकोड जेनरेटर चुनने की आवश्यकता होगी, जो आपको बारकोड की ग्राफिकल प्रतिष्ठा बनाने में मदद करेगा। आप इंटरनेट पर बारकोड जेनरेटर टूल खोज सकते हैं और एक उपयुक्त टूल चुन सकते हैं।
  2. उत्पाद कोड चुनें: अपने उत्पाद के लिए एक यूनिक उत्पाद कोड (Product Code) चुनें। यह उत्पाद को अनुभागीकृत करने और पहचानने के लिए उपयोग होगा।
  3. बारकोड प्रारूप चुनें: बारकोड जेनरेटर टूल पर, उत्पाद कोड के अनुसार उचित बारकोड प्रारूप (जैसे UPC, EAN, Code 39, आदि) का चयन करें।
  4. जेनरेट करें और सहेजें: उचित प्रारूप का चयन करने के बाद, बारकोड जेनरेट करें और इसे एक छवि फ़ाइल या वेक्टर फ़ाइल के रूप में सहेजें।
  5. छापाई या संग्रहण: बारकोड की छवि फ़ाइल को छापें या इसे उत्पाद, पैकेजिंग, या पट्टी आदि पर लगाएं। आप छवि फ़ाइल को भी इलेक्ट्रॉनिक रूप में साझा कर सकते हैं।

यदि आप अपने उद्योग, उत्पाद, और आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत बारकोड प्रणाली चाहते हैं, तो आप एक व्यापारिक संपर्क कोड (Business Contact Code) जैसे GS1 प्रमाणित बारकोड सिस्टम का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको GS1 संगठन से संपर्क करना होगा और उनकी दिशा-निर्देशिका के अनुसार आवश्यक कदम आगे बढ़ाने होंगे।

बारकोड के उपयोग (Uses of Barcode) :

बारकोड के विभिन्न उपयोगों की कुछ मुख्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  1. उत्पाद पहचान: बारकोड उत्पादों की पहचान में मदद करता है। दुकानों और सुपरमार्केटों में उत्पादों पर लगे बारकोड को स्कैन करके उत्पाद की जानकारी, मूल्य और अन्य विवरण प्राप्त किए जा सकते हैं।
  2. स्टॉक प्रबंधन: व्यापारियों के लिए बारकोड एक महत्वपूर्ण स्टॉक प्रबंधन उपकरण है। बारकोड के माध्यम से उत्पादों को स्कैन करके इन्वेंटरी और स्टॉक लेवल की जानकारी को ट्रैक किया जा सकता है और आपको अद्यतित रखने में मदद करता है।
  3. वित्तीय सूचना: बारकोड कोड के माध्यम से वित्तीय सूचना, जैसे उत्पाद की मूल्य, वित्तीय विवरण, बिक्री की सूचना, और अन्य विवरण को सटीकता से प्रविष्ट किया जा सकता है। इससे लेखांकन, बिलिंग, और वित्तीय प्रबंधन कार्य में सुविधा होती है।
  4. लोगिस्टिक्स: बारकोड सिस्टम लोगिस्टिक्स क्षेत्र में उपयोग होता है ताकि वस्तुओं की गतिविधियों, शिपमेंट, और परिवहन को प्रबंधित किया जा सके। बारकोड स्कैनिंग के माध्यम से उत्पादों की ट्रैकिंग की जा सकती है और इससे ग्राहकों को वाणिज्यिक लेन-देन के प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलती है।
  5. डॉक्यूमेंट प्रबंधन: बारकोड सिस्टम डॉक्यूमेंट प्रबंधन में उपयोग होता है जहां डॉक्यूमेंट्स को ट्रैक करने और पहचानने की आवश्यकता होती है। यह सुरक्षित और तेजी से डॉक्यूमेंट एकीकरण प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है।

ये केवल कुछ उदाहरण हैं, बारकोड के विभिन्न उपयोगों की व्यापकता इसे व्यापक और उपयोगी टूल बनाती है।

बारकोड के फायदे व नुकसान:

बारकोड के उपयोग से निम्नलिखित फायदे व नुकसान हो सकते हैं:

फायदे:

  1. सुविधा और गति: बारकोड सिस्टम के माध्यम से उत्पादों की पहचान करना आसान होता है। यह सामग्री को ट्रैक करने, वितरण की गति को बढ़ाने, और संभावित त्रुटियों की कमी करने में मदद करता है।
  2. इंवेंटरी नियंत्रण: बारकोड सिस्टम उत्पादों की इंवेंटरी को संग्रहीत करने और प्रबंधित करने में मदद करता है। यह व्यापारियों को सही समय पर उत्पादों को आपूर्ति करने, उत्पादों की उपलब्धता को नियंत्रित करने, और अद्यतित रखने में सहायता करता है।
  3. त्रुटि कमी: बारकोड स्कैनिंग में मान्यता और मान्यता संदर्भ पर आधारित होने के कारण, मान्यता संबंधी त्रुटियों की संख्या को कम करता है। इससे गलतियों और अनुक्रमणिका में होने वाली त्रुटियों का आंकलन किया जा सकता है।
  4. अधिक संग्रहीत जानकारी: बारकोड में संग्रहित जानकारी अधिक हो सकती है जैसे कि उत्पाद का नाम, मूल्य, संग्रहालय, निर्माता विवरण आदि। यह विभिन्न व्यापारिक प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाता है।

नुकसान:

  1. उपकरण और प्रशिक्षण की आवश्यकता: बारकोड सिस्टम का उपयोग करने के लिए उपकरणों की आवश्यकता होती है, जैसे स्कैनर या प्रिंटर। इन उपकरणों की खरीदारी और उन्हें चलाने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।
  2. व्यय: बारकोड सिस्टम को अपनाने के लिए शुरुआती खर्च और संचालन लागत होती है। उत्पादों पर बारकोड लेबल का प्रिंट करने, सामग्री को इंटीग्रेट करने, और उपकरणों की रख-रखाव के लिए खर्च किया जाना पड़ता है।
  3. तकनीकी समस्याएं: कभी-कभी बारकोड सिस्टम में तकनीकी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि स्कैनिंग त्रुटियां, अवैध या पहचाने जाने वाले कोड, और बारकोड के हार्डवेयर या सॉफ़्टवेयर में कमी। इससे कार्य प्रवाह पर असर पड़ सकता है।
  4. संगठनात्मक परिवर्तन: बारकोड सिस्टम का अपनाने और संचालन करने के लिए संगठनात्मक परिवर्तन की आवश्यकता हो सकती है। इसमें प्रक्रियाओं, कार्यक्षेत्र की तैयारी, और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की जरूरत होती है।

ये थे कुछ फायदे और नुकसान जो बारकोड सिस्टम के उपयोग करने से हो सकते हैं। हालांकि, बारकोड सिस्टम के लाभ आमतौर पर नुकसानों से अधिक होते हैं, और इसलिए व्यापारियों और संगठनों में व्यापक रूप से उपयोग होता है।

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