दोस्तो भारत एक कृषि प्रधान देश है ,और देश की लगभग60 ℅ आबादी कृषि पर निर्भर है ! सालों पहले जहाँ मनुष्य पशुओं की मदद से खेती करता था , वही आधुनिक दौर बिल्कुल बदल गया है क्योंकि अब किसान बैल से कृषि न करके ट्रैक्टर से करता है , जिससे किसान के समय का बहुत बड़ा हिस्सा भी बच जाता है , और मेहनत भी कम लगती है , आज के इस Post में हम आपको इंडिया के नम्बर वन ट्रैक्टर कंपनी स्वराज डिवीज़न की सक्सेस स्टोरी व इसका इतिहास बताएंगे !
इतिहास
तो दोस्तो इस कहानी की सुरुआत होती है साल 1970 में जब पंजाब सरकार द्वारा रोपड़ में ट्रैक्टर बनाने का कारखाना प्रारंभ किया गया जिसे पंजाब ट्रैक्टर लिमिटेड नाम दिया , मगर कंपनी द्वारा ट्रैक्टर बनाना साल 1974 में प्रारंभ किया गया !
इसकी बड़ी वजह रही उस टाइम संशाधनो की कमी के कारण देश के इंजीनियर इतने कुशल नही हुवा करते थे , उन्होंने ट्रैक्टर बनाने की कला मॉस्को में जाकर सीखी ! इस टीम का प्रतिनिधित्व मन मोहन सूरी ने किया !
पंजाब ट्रैक्टर्स भारत में स्वदेशी रूप से कृषि ट्रैक्टरों का निर्माण करने वाली पहली भारतीय कंपनी थी, जिसे स्वराज नाम दिया गया था !
इस कंपनी को केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (CMERI) के अधीन रखा गया !
पंजाब ट्रैक्टर्स द्वारा बनाया गया पहला ट्रैक्टर 20 HP था !
दोस्तो साल 2007 में महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड कंपनी द्वारा पंजाब ट्रैक्टर्स लिमिटेड कंपनी को अपने अधिग्रहण में कर लिया गया। इस अधिग्रहण के साथ ही महिंद्रा एंड महिंद्रा वर्ल्ड की सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी बन गयी !
साल 2009 में महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी ने स्वराज का नाम परिवर्तन कर स्वराज डिवीजन रख दिया ! आज के समय मे स्वराज डिवीजन 20 से अधिक प्रकार के ट्रैक्टर , कंबाइन ,Forklift Trucks व कृषि साधन बनाती है !
सफलता
स्वराज डिवीजन की सक्सेस का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हो कंपनी का मार्केट दुनिया भर के 40 से अधिक देशो में फैला हुआ है , जबकि अकेले भारत भर में 2000 से अधिक बिक्री सेवा केंद्र व 2500 से ज्यादा employees काम करते है !
वर्ष 2012 में कंपनी को Deming Prize व TPM Excellence Award से भी नवाजा जा चुका है !
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