नमस्कार साथियों, 12 जनवरी का दिन पूरे भारतवर्ष के लिए बेहद खास दिन होता है क्योंकि इस दिन युवाओं के प्रेरणास्त्रोत व आदर्श स्वामी विवेकानंद जी जन्म जयंती के रूप में मनाया जाता है।
स्वामी जी का व्यक्तित्व ओजस्वी पूर्ण विचारों से ओतप्रोत रहा है इसीलिए भारत में वर्ष 1985 से 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जन्म | 12 जनवरी 1863 |
पूरा नाम | नरेन्द्र नाथ दत्त |
पिता | विष्वनाथ दत्त |
माता | भुवनेष्वरी देवी |
मृत्यु | 4 जुलाई 1902, बेलूर मठ, हावड़ा |
स्वामी विवेकानंद सरस्वती जैसे महान् व्यक्तित्व के धनी व विष्व विख्यात आध्यात्मिक गुरू की आज के भारत को जरूरत है, उन्होंने महज 25 वर्ष की उम्र में ईष्वर और ज्ञान प्राप्ति के लिए सांसारिक मोह को छोड़कर गुरू रामकृष्ण परमहंस के षिष्य बन गए।
जो कारनामा आज का युवा दषकों बीत जाने के बाद भी नहीं कर पाता वो कारनामा उन्होंने महज 39 वर्ष की अल्पायु में कर इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
आदर्श वाक्य:
- उठो, जागो और तब तक मत रूको तक लक्ष्या की प्राप्ति ना हो जाए।
- खुद को कमजोर मानकर हार मानना ही इस दुनिया का सबसे बड़ा पाप है।
- आत्मा से बेहतर कोई दूसरा शिक्षक नही हो सकता है, जो करना है खुद से ही करना सीखे।
- सत्य का हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
- बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं।
- विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
- दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
- शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं।
- किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
