Machine Learning (मशीन लर्निंग) एक Artificial Intelligence (AI) उपकरण है जो कंप्यूटर सिस्टम को ऑपरेशनल डेटा से स्वयं सीखने और अभिकर्म निर्धारित करने की क्षमता प्रदान करता है। यह डेटा प्रक्रिया, विश्लेषण, पैटर्न और युक्तियाँ खोजने, और स्वतंत्र तरीके से निर्धारित कार्रवाई लेने की क्षमता प्राप्त करने में सक्षम होता है।
आपूर्ति डेटा (input data) को मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के माध्यम से यूनिकोड के तत्वों में रूपांतरित किया जाता है जिसे “फ़ीचर” (features) कहा जाता है। फ़ीचर्स को प्रयोग करके, मशीन लर्निंग मॉडल संगठित करके डेटा में पैटर्न और सम्बन्धों को पहचानता है।
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Machine Learning का इतिहास :
Machine Learning की शुरुआत विभिन्न शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों द्वारा की गई है, और इसका विकास वर्षों के लिए चलता आया है। यह एक नया क्षेत्र है जो मानव-मशीन इंटरैक्शन और विज्ञान के आदान-प्रदान की एक प्रमुख उपयोगिता है।
यद्यपि Machine Learning के विभिन्न पहलुओं की खोज और विकास कई लोगों द्वारा हुए हैं, लेकिन इसे एक मान्यता प्राप्त तिथि नहीं है। इसके विकास में निम्नलिखित वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान है:
- आर्थर सैम्यूएल (Arthur Samuel): 1950 और 1960 के दशक में, आर्थर सैम्यूएल ने जानवरों को बिलियर्ड खेल में सीखने के लिए मशीन लर्निंग के उपयोग के संभावनाओं पर काम किया। उन्होंने एक स्वयं सीखने चेस खिलाड़ी के लिए एक उपकरण विकसित किया जो अपने प्रदर्शन को सुधार सकता था।
- आर्थर ली सैम्यूएल (Arthur Lee Samuel): 1956 में, आर्थर ली सैम्यूएल ने एक टिकट कटावने और ब्लैकजैक खेल में स्वयं सीखने के लिए पहला रूप में मशीन लर्निंग के प्रयोग के बारे में पेपर प्रकाशित किया।
ये वैज्ञानिकों ने मशीन लर्निंग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान किया हैं, लेकिन वास्तविक विकास मशीन लर्निंग तकनीकों के साथ और विभिन्न संशोधनों के साथ विशेष रूप से हुआ है।
Machine Learning (मशीन लर्निंग) के प्रकार :
Supervised Learning :
Supervised Learning (निर्देशित शिक्षण): इसमें, लेबल युक्त (labeled) डेटा का उपयोग होता है जिसमें प्रशिक्षण के लिए सही उत्तरों की जानकारी होती है। उदाहरण के लिए, एक आवाज के मॉडल को योजना शिल्प (manufacturing) में अनुप्रयोगित किया जा सकता है ताकि वह किसी उत्पाद के ख़राब बनने की पूर्व-आशंका को पहचान सके।
Unsupervised Learning :
Unsupervised Learning (निर्देश रहित शिक्षण): इसमें, लेबल युक्तता की आवश्यकता नहीं होती है, और डेटा के पैटर्न और सम्बन्धों को स्वतंत्र रूप से पहचाना जाता है। उदाहरण के लिए, एक विपणन अभियांत्रिका (advertising campaign) में ग्राहकों को समूहों में वर्गीकृत करने के लिए यह उपयोग किया जा सकता है।
Reinforcement Learning :
Reinforcement Learning (पुनरावृत्ति शिक्षण): इसमें, एक एजेंट को किसी वातावरण में ऑपरेशन करने के लिए खुद से सीखने की क्षमता प्रदान की जाती है। एजेंट को अपने क्रियान्वयनों के लिए प्रतिफल या दंड प्राप्त करता है, जो उसे सही कार्रवाई को बढ़ावा देने और गलत कार्रवाई से रोकने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, यह उपयोगी हो सकता है जब वाहनों को अपने आप नेविगेट करना सीखना हो।
मशीन लर्निंग के लिए विभिन्न एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है, जैसे कि न्यूरल नेटवर्क्स (Neural Networks), डिसिज़न ट्री (Decision Trees), रैंडम फ़ोरेस्ट (Random Forests), और सपोर्ट वेक्टर मशीन (Support Vector Machines)।
Machine Learning का उपयोग :
मशीन लर्निंग का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जैसे कि संगणना, विपणन, वित्तीय सेवाएं, स्वास्थ्य सेवाएं, वाहन नेविगेशन, विज्ञान, और बहुत कुछ। मशीन लर्निंग की मदद से, हम सिस्टम को स्वयं सीखने और सक्रिय रूप से बदलने की क्षमता प्रदान करते हैं, जिससे कि हम बेहतर निर्णय ले सकें और समस्याओं का समाधान कर सकें।
