क्रूर राजा का आदेश, जतंर-मंतर पर पहलवानों के साथ मारपीट

जतंर-मंतर पर चल रहे पहलवानों के धरने प्रदर्शन को आज मोदी सरकार ने कुचलने की कोशिश की है, इस पर मुख्य धारा का मीडिया एकदम नदारद नजर आ रहा है, मानों इस घटना की उनको कोई जानकारी नही हो, यह घटना उस वक्त की है जब देश का प्रधानमंत्री नई संसद में अपनी सरकार का प्रचार-मंत्री बनकर इस संसद को देश की जरूरत बता रहे थे।
असल माजरा क्या है ?
दरअसल पहलवानों का धरना पिछले एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के जतंर-मंतर पर चल रहा है, पहलवानों की मुख्य मांग है की कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिह की गिरफ्तारी हो, बृजभूषण पर नाबालिग से यौन हिंसा, छेड़छाड़ जैसे गंभीर आरोप लगे है, उन पर पाॅक्सो के तहत मुकादमा लगना चाहिए और तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए मगर पूरा मोदी कैबिनेट इस तथाकथित बाहुबली को बचाने में लगा हुआ है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हो बृजभूषण सिंह खुद मीडिया के सामने आकर इन पहलवानों को कोसने में लगा रहता है और अपने आपकों निर्दोश बता रहा है।
आज की घटना:
आज दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों का टेंट उखाड़ दिया है और उनके साथ मारपीट की है इसके वीडियों आप खुद सोशल मीडिया पर देख सकते है।
सरकार की इस हरकत से आप अंदाजा लगा सकते है कि चाहे कुछ भी हो जाए पर बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह को कुछ नही होने देंगे।
आज पहलवानों ने ‘महिला सम्मान महापंचायत’ बुलाई थी जिसमें हरियाणा, यूपी, राजस्थान, पंजाब से आ रहे लोगों को बाॅर्डर पर ही रोक दिया गया, किसान नेता राकेश टिकैत खुद पहलवानों के समर्थन में दिल्ली आ रहे थे मगर उनको सीमा में घुसने से पहले ही रोक दिया गया।
इस घटना के बीच पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया को हिरासत में ले लिया गया और उनके साथ मारपीट जैसी घटना की गई।
केंद्र सरकार का यह रवैया अंग्रेजी हुकूमत की यादों को ताजा कर रहा है ,मोदी सरकार को यह नही भूलना चाहिए की देश का आम – अवाम पहलवानों के साथ खड़ा है !
मोदी सरकार सत्ता के अहंकार में इतनी पागल हो गई है कि उनको सामने कुछ भी नजर नही आ रहा है।

क्या आप पहलवानों के साथ है ?

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