Cadbury Chocolate Success Story in Hindi | कैडबरी चॉकलेट की सफलता की कहानी | 1905-2022

कैडबरी चॉकलेट की सफलता की कहानी  Cadbury Chocolate Success Story in Hindi

दोस्तों अक्सर देखा गया है कि बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े भी दूध सब्जी और फल खाने से बचते हैं लेकिन अगर उनके सामने वही चॉकलेट का ऑप्शन रखा जाए तो शायद ही कोई इसे मना करेगा इसका शानदार रंग मखमली चिकनी बनावट महक और स्वाद जैसे बहुत सारे गुण हैं जो आसानी से सब को अपनी ओर खींच लेते हैं और अगर हम चॉकलेट की बात करी रहे हैं तो सबसे पहले दिमाग में जो हमारे ब्रांड आता है वह है Cadbury | यूं तो बाजार में आपको बहुत सारे चॉकलेट मिल जाएंगे लेकिन कैडबरी जैसा कोई भी नहीं चाहे बात करें इसके डेरी मिल्क या फिर 5 स्टार की या फिर Gems को भी ले ले | इस चॉकलेट को टक्कर देने वाले इसके आस –पास भी नजर नहीं आते और इसके स्वाद के साथ – साथ इसकी स्टोरी भी काफी मजेदार है, जिसे जानकर आपको बड़ा मजा आने वाला है तो चलिए दोस्तों बिना आपका ज्यादा समय लिए हम दुनिया पर कई दशको से राज करने वाली Cadbury चॉकलेट कंपनी के सफर को शुरु से जानते हैं |

क्या आपकी भी Cadbury Chocolate पसंदीदा चॉकलेट है ?

इतिहास :

साथियों कहानी की शुरुआत होती है जॉन कैडबरी नाम के एक बच्चे से जिसका जन्म करीब 220 साल पहले ब्रिटेन के बिर्मिंघम में हुआ था, जॉन एक कुव्कड़  धर्म से ताल्लुक रखते थे और इस धर्म के लोगों की अपनी अलग ही मान्यताये थी वह चर्च या फिर किसी भी धार्मिक संस्था से नही जुड़े हुए थे ईश्वर और उनके बीच उन्हें और किसी की भी मोजुदगी पसंद नही थी अपनी अलग मान्यता होने की वजह से उन्हें समाज में अलग नजरिए से देखा जाता था ना ही उन्हें किसी अच्छे स्कूल में दाखिला मिलता और ना ही उन्हें कोई अच्छी जॉब मिल पाती यहाँ तक की वह सेना में भी नहीं जा सकते थे उनके पास बचा कूचा सिर्फ एक ही ऑप्शन था अपना खुद का बिजनेस करना इसीलिए अपने धर्म के स्कूल में पढ़ाई करने के बाद के जॉन कैडबरी अपनी पॉकेट मनी के लिए एक  कॉफी शॉप पर काम करने लगे और फिर आगे चलकर 1824 में उन्होंने अपना खुद का दुकान खोला जहां कॉफी चाय और चॉकलेट बेचा करते थे अगले कुछ सालों के अनुभव के बाद उन्हें पता चला कि चाय और कॉफ़ी से ज्यादा उनके चॉकलेट पसंद कर रहे हैं और फिर 1831 से उन्होंने चाय और कॉफी को छोड़ सिर्फ चॉकलेट ड्रिंक पर फोकस करना शुरु कर दिया जिससे डिमांड बहुत तेजी से बढ़ने लगी और फिर उसी साल उन्होंने चॉकलेट ड्रिंक की ही करीब 16 और प्रकार की वेराइटी अपने मेनू में ऐड कर दी और देखते ही देखते अगले 15 सालों में आसपास के सभी इलाकों में अपने विशेष कैडबरी चोकलेट के लिए प्रसिद्ध हो चुके थे आगे चलकर 1847 में जॉन ने अपने भाई बेंजामिन को भी इस व्यवसाय में शामिल कर लिया और फिर दोनों ने मिलकर ब्रिज स्ट्रीट में बहुत बड़ा कारखाना खोला |

Cadbury Chocolate Success Story 

लोकप्रियता :

साथियों कैडबरी शुरु से ही अपनी क्वालिटी के लिए जानी जाती है इसीलिए 1854 में रानी विक्टोरिया ने उनके कंपनी को रॉयल वारंट का सर्टिफिकेट दिया दोस्तों बता दू रॉयल वारंट सर्टिफिकेट सिर्फ उन्हीं उत्पादों को मिलता था जिनकी क्वालिटी बहुत ही अच्छी होती थी और जिन उत्पादों को राजा महाराजा भी अपने प्रयोग में ला सकते थे धीरे-धीरे कैडबरी अपने बेहतरीन उत्पादों की वजह से पूरे ब्रिटेन में प्रसिद्ध हो गयी |

उतार-चढ़ाव :

1860 के आसपास बिजनेस से संबंधित नोक झोक होने की वजह से भाई बेंजामिन ने जॉन कैडबरी से अलग होने का फैसला किया जिसकी बाद जॉन की उम्र ढलती जा रही थी और फिर उन्होंने कंपनी का कमान अपने दो बच्चों और रिचर्ड और जॉर्ज को दे दी |

साथियों किसी भी उत्पाद की सफलता को जारी रखने के लिए सबसे जरूरी है समय के साथ परिवर्तन और रिचर्ड और जॉर्ज ने कंपनी की कमान संभालने के बाद बहुत सारे नए नए परिवर्तन किए और काफी हद तक सफल भी रहे पूरे ब्रिटेन में अपना कब्जा जमाने के बाद 1870 में कैडबरी को दूसरे देशों में भी भेजा जाने लगा इसी बीच 11 मई को 1889 कैडबरी के फाउंडर जॉन कैडबरी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया और फिर अगले 10 सालों में उनके के बाद के बेटे रिचर्ड की भी मृत्यु हो गई जिसके बाद बचे जॉर्ज कैडबरी जिन्होंने अपनी रिटायरमेंट से पहले एक ऐसा खोज किया जिसने कंपनी को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दी

कैडबरी का आविष्कार :

जॉर्ज  ने 1905 में कैडबरी की मशहूर डेरी मिल्क चॉकलेट का आविष्कार किया जिसकी रिसर्च पर 1897 से ही कर रहे थे जॉर्ज कैडबरी डार्क चॉकलेट के साथ कुछ नया बनाने के प्रयोग में लगे हुए थे उन्होंने चॉकलेट पाउडर में चीनी और दूध मिलाया और जब इसके मिक्सर को चखा गया तो इसमें कमाल का स्वाद था और जब इसे सुखाकर चखा गया तो स्वाद और भी जबरदस्त हो गया था और कुछ इसी तरह से कैडबरी की डेरी मिल्क चोकलेट बनी थी जो आज भी कैडबरी ब्रांड की सबसे लोकप्रिय चोकलेट है |

भारत :

1948 में आजादी के ठीक 1 साल कैडबरी ने भारत में भी दस्तक दी  और यहाँ भी वह अच्छी गुणवत्ता व टेस्ट की वजह से लोगो की आदत बन गई है मोजुदा समय में कैडबरी भारत में चोकलेट, कन्फेक्शनरी, बेवरेज, बिस्किट और कैंडी बनाता है और अगर पूरे दुनिया की बात करें तो 50 से भी ज्यादा देशों में  कैडबरी चॉकलेट का बोलबाला है तो दोस्तों देखा ना आपने कैडबरी जैसी मल्टीनेशनल चॉकलेट कंपनी का नीव एक ऐसे व्यक्ति ने रखा जिन्हें ना तो अपनी मनपसंद स्कूल में पढ़ाई करने की आजादी थी और ना ही वह कोई अच्छी जॉब कर सकते हैं लेकिन उनका दृढ़ संकल्प ही था जो उनकी बनाई हुई कंपनी आज इस मुकाम पर है उम्मीद है कि आपको भी कैडबरी की सक्सेस स्टोरी से बहुत कुछ सीखने को मिला होगा आपका बहुमूल्य समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

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