ग्वार के भाव क्या है ? आगे की संभावना

अगस्त माह में बीते 20 से 25 दिनों में बारिश ना होने के कारण ग्वार की खेती को बड़ा नुकसान होता दिखाई दे रहा है। आपकों मालूम होगा की ग्वार की सर्वाधिक खेती हरियाणा व राजस्थान के किसान करते है इस बार बारिश की कमी के कारण ग्वार की हाल की कंडीशन काफी खराब है। जोधपुर, नागौर, बीकानेर व बाड़मेर जिलें में सर्वाधिक ग्वार की खेती होती है। यह राजस्थान का असंचित क्षेत्र है अगर इस क्षेत्र में आगामी 10 से 15 दिनों तक बारिश नही होती है तो ग्वार को बड़ा नुकसान होने वाला है। इस क्षेत्र में अभी के हालात में ग्वार 35-40 फीसद की कमी आ सकती है।
गंगानगर व हनुमानगढ़ क्षेत्र में भी अच्छी-खासी ग्वार की खेती होती है मगर इस बार बारिश ना होने के कारण नहरों में पानी की आवक भी रूक गई है जिससे ग्वार की सिंचाई नही हो पा रही है। इन जिलों में ग्वार की खेती अभी के अनुमान के मुताबिक 25 फीसद तक खराब हो चुकी है।

ग्वार की डिमांड:

हाल के आंकड़ों के मुताबिक इस समय प्रतिदिन 20 से 22 हजार टन गम का निर्यात किया जाता है ऐसे में अगर ग्वार की खेती में गिरावट देखी जाती है तो इस बार ग्वार में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल वर्षा की कमी के कारण ग्वार के भावों में मंडियों में तेजी दिखना शुरू हो गया है अभी मंडी में ग्वार के भाव 6000 रूपए प्रति क्विंटल को पार कर चुके है जो कि आगामी कुछ दिनों में और ज्यादा होंगे।
मंडी जानकारों का मानना है कि इस बार ग्वार के भाव काफी हाई रहने वाले है कुछ दिनों में ही यह आंकड़ा 7000 को पार कर सकता है।

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