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साइक्लोन बिपरजाॅन क्या है ?
इन दिनों एक चक्रवाती तूफान बिपरजाॅन काफी चर्चा में बना हुआ है, इसका असर भारत में भी तेजी से दिखने लगा है, इस तूफान में ऊंची-ऊंची लहरे उठ रही है जिसका असर मुंबई, गुजरात और केरल में भी देखने को मिल रही है।
तटवर्ती राज्यों में बारिश के साथ-साथ तेज हवा के झोंके भी चल रहे है जिससे आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
तूफान का उद्धभव:
मौसम विभाग के अनुसार इस तूफान का उद्धभव बंगाल की खाड़ी व अरब सागर से माना जा रहा है। तूफान की गंभीरता को देखते हुए तटवर्ती इलाकों में मौसम विभाग के द्वारा येलो अलर्ट भी जारी कर दिया गया है।
बिपरजाॅय का नामकरण:
आप सभी जानते है कि चक्रवाती तूफान भी अलग-अलग प्रकार के होते है जिनका नामकरण अलग-अलग देशो द्वारा अलग-अलग नामकरण किया जाता है। इस तूफान का नाम बांग्लादेश ने रखा है, सामान्यतः बांग्ला में बिपरजाॅय का अर्थ विनाशक होता है, इस तूफान की गंभीरता को देखते हुए बांग्लादेश ने इसका नाम बिपरजाॅय रख दिया है।
अब आप भी सोचते होंगे की अगर बिपरजाॅय नाम इस तूफान का रखा है तो क्या सभी देशो ने इस नाम को स्वीकार कर लिया है ? तो आपका यह सवाल लाजिमी है, दरअसल विष्व मौसम विज्ञान संगठन के सदस्य देश चक्रवाती तूफान का नामकरण करते है, इस संगठन में विष्व के 13 देश शामिल है और सर्वसम्मति से इसका नामकरण किया जाता है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के 13 सदस्य देश:
भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, थाईलैंड, ईरान, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, सऊदी अरब, यमन इस संगठन में शामिल है।
इस प्रकार के विश्व मौसम विज्ञान के अनेक संगठन है जिसमें भौगौलिक स्थिति के आधार पर देशो को सम्मिलित किया गया हैं।
चक्रवात के नामकरण का प्रमुख कारण:
अब आपके भी मन में यह सवाल तो जरूर आ रहा होगा की आखिर इन चक्रवातों का नामकरण क्यो किया जाता है, इसके पीछे मौसम विज्ञान का तर्क है कि इससे लोगों को सर्तक किया जा सके और तूफान अधिक गंभीर है तो लोगों का रेस्क्यू किया जा सके व तूफान की गंभीरता को लेकर सभी देशो को एक साथ चेताया जा सके।
चक्रवाती तूफान कैसे बनता है ?
समुद्री जल में कम दबाव बनने व तापमान बढ़ने के कारण मौजूदा हवा गर्म हो जाती है और ऊपर की उठने लगती है जिसके कारण पास की ठंडी हवा कम दबाव वाले क्षेत्र की ओर गति करने लगती है, ठंडी व गर्म हवा के टकराने के कारण चक्रवाती तूफान का जन्म होता है, इसी कारण यह तूफान आगे चलकर तेज हवा व बारिष का रूप धारण कर लेता है।
तूफान के प्रकार:
तूफान को मुख्यत 5 भागों में विभाजित किया गया है –
प्रथम श्रेणी के तूफान की रफ्तार 119 से 153 किमी प्रति घंटा होती है इसे सामान्य श्रेणी का तूफान माना जाता है।
दूसरी श्रेणी के तूफान की रफ्तार 154 से 177 किमी प्रति घंटा होती है।
तीसरे श्रेणी के तूफान की गति 178 से 208 किमी प्रति घंटा होती है।
चैथे श्रेणी के तूफान की गति 209 से 251 प्रति घंटा होती है जिसे साइक्लोन तूफान के नाम से भी जाना जाता है।
पांचवे श्रेणी के तूफान की गति 252 किमी प्रति घंटा या उससे अधिक की होती है जो सर्वाधिक खतरनाक व विध्वंसकारी तूफान होता है।
बिपरजाॅय की वर्तमान स्थिति:
मौसम विभाग के मुताबिक वर्तमान में यह तूफान 5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दक्षिण भारत से उत्तर भारत की तरफ बढ़ रहा है, 14 जून के बाद इसकी रफ्तार 125 से 135 किमी प्रति घंटा हो सकती है, और गुजरात से पाकिस्तान की तरफ लौट सकता है, मगर इसका असर राजस्थान को भी बारिश के रूप में देखने को मिल सकता है।
माना जा रहा है अगले कुछ दिनों के बाद इसकी बहुत अधिक हो सकती है जिसके कारण तटवर्ती इलाकों के निवासियों को एनडीआरफ की तरफ से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।