Walmart Success Story | वाॅलमार्ट सफलता की कहानी

नमस्कार साथियों, आज के इस पोस्ट में हम वाॅलमार्ट सुपरमार्केट चेन की सफलता की कहानी जानेंगे, साथ ही इसके बिजनेस माॅडल व अब तक के इतिहास को भी जानेने का प्रयास करेंगे।

वाॅलमार्ट:

एक ऐसी कंपनी जिसने करीब आधी सदी रिटेल बाजार पर राज किया, ‘एवरीडे लो काॅस्ट प्राइजिंग’ की फिलाॅसफी से वाॅलमार्ट रेवेन्यू के लिहाज से अभी भी दुनिया की नंबर वन कंपनी है, हालांकि एमेजाॅन आने के बाद से कंपनी कुल नेटवर्थ में पिछड़े गई, साल 2000 के शुरूआती दौर में वाॅलमार्ट का रेवून्यू एमेजाॅन से 16 गुना था, पर आज कंपनी मुनाफे में कहीं पीछे है, दुनिया के 24 देशों में बिजनेस कर रही वाॅलमार्ट जर्मनी, जापान और साउथ कोरिया जैसे देशों में सफल नहीं रही, भारत में भी वाॅलमार्ट इंटरनेशनल माॅडल से अलग होलसेल माॅडल पर बिजनेस करती है।

कब बनी: 1962
नेटवर्थ: 35 लाख करोड़ रूपए

इतिहास:

वाॅलमार्ट की आधिकारिक शुरूआत 2 जुलाई 1962 को आर्कान्सा (अमेरिका) में पहला स्टोर खुलने के साथ हुई थी, आज यह जगह म्यूजियम में तब्दील हो गई है, अमेरिकी बिजनेसमैन सैम वाॅल्टन (1918-1992) जेसी पैनी नाम के स्टोर में काम करते थे, लेकिन उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था, तब उन्होंने डिस्कांडट प्राइज पर चीजें बेचने के लिए वाॅलमार्ट खोला, 1967 तक आते-आते कंपनी को काफी मुनाफा हुआ, फिर वाल्टन परिवार के पास तब तक 24 स्टोर्स हो गए और कंपनी की बिक्री 12.7 मिलियन डाॅलर तक पहुंच गई, 1988 में वाशिगटन के मिसौरी में पहला वाॅलमार्ट सुपरसेंटर खोला गया और इसके सीईओ डेविड ग्लास बनाए गए, 1990 तक वाॅलमार्ट अमेरिका का नंबर-1 रिटेलर बन गया।

बिजनेस माॅडल:

वाॅलमार्ट के भारत में 29 होलसेल स्टोर है, इसमें से दो ओनरशिप माॅडल में और बाकी लीज पर है, जबकि अमेरिका में भारत से अलग रिटेल स्टोर्स हैं, भारत में वाॅलमार्ट भारती एंटरप्राइजेस के साथ 2007 में शुरू हुआ था, दोनों ने मिलकर 20 सुपरस्टोर्स ‘बेस्ट प्राइज’ खोले थे, हालांकि 2013 में दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया, 2018 में वाॅलमार्ट ने फ्लिपकार्ट ने वाॅलमार्ट के थोक कारोबार को खरीदा और फ्लिपकार्ट होलसेल नाम से बिजनेस शुरू किया, दरअसल वाॅलमार्ट ने थोक कारोबार को अलग रखने की जगह उसे फ्लिपकार्ट से ही जोड़ दिया, फ्लिपकार्ट के अलावा मिन्त्रा और फोन-पे का अप्रत्यक्ष स्वामित्व भी वाॅलमार्ट के पास है।

प्रतिस्पर्धा:

1962 से साल 2000 तक वाॅलमार्ट का स्वर्णिम काल रहा, पर एमेजाॅन के आने से स्थितियां बदलती गई, आज जहां वाॅलमार्ट की नेटवर्थ 429 अरब डाॅलर है, वहीं एमेजाॅन 1.2 ट्रिलियन डाॅलर नेटवर्थ वाली कंपनी है, विशेषज्ञों के मुताबिक प्राइस वाॅर में आगे है, विशेषज्ञों के मुताबिक प्राइस वाॅर में आगे वाॅलमार्ट पर अपने फिजिकल स्टोर्स के किराए का दबाव रहता है, जबकि एमेजाॅन वर्चुअली बिजनेस कर रही है, वहीं वाॅलमार्ट की सप्लाई चेन अपने स्टोर्स में सामान रखने के हिसाब से है, पर अब लोगों के घरों तक उत्पाद पहुंचाने के चलन से सप्लाई चेन पूरी तरह बदल गई, और इसमें एमेजाॅन आगे निकल गया, एमेजाॅन के शुरूआती दिनों में वाॅलमार्ट और एमेजाॅन के बीच कोलाॅबरेशन की कोशिशे भी हुई थीं।

स्वामित्व:

वाॅलमार्ट 1970 में शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई, इसके दो साल बाद यह न्यूयाॅर्क स्टाॅक एक्सचेंज में लिस्ट हुई, कंपनी की आधिकाारिक जानकारी के अनुसार वाॅल्टन परिवार कंपनी में सबसे बड़ा शेयरहोल्डर है, सैम वाॅल्टन की बेटी एलील के पास सर्वाधिक शेयर हैं, वाॅलमार्ट परिवार के पास 15 लाख करोड़ रूपए के शेयर हैं, इसके बाद वैनगार्ड ग्रुप के पास सर्वाधिक 5 प्रतिशत शेयर हैं, डाउग मैकमिलन कंपनी के सीईओ हैं, वाॅलमार्ट निवेशकों को डिविडेंड देने के मामले में एमेजाॅन से आगे है, एमेजाॅन ने अभी तक एक भी बार डिविडेंड नहीं दिया, वहीं वाॅलमार्ट हर साल औसतन 6 अरब डाॅलर डिविडेंड दे रही है, बीते वित्तीय वर्ष में 15.9 अरब डाॅलर का डिविडेंड दिया गया।

लोकप्रियता:

वाॅलमार्ट अभी भी अमेरिका की सबसे लोकप्रिय कंपनियों में शामिल है, दुनियाभर में वाॅलमार्ट स्टोर्स पर हर हफ्ते 23 करोड़ ग्राहक आते हैं, 95 फीसदी अमेरिकी वाॅलमार्ट के स्टोर्स से कुछ न कुछ खरीदारी जरूर करते हैं, कंपनी 24 देशों में 46 विभिन्न नामों से बिजनेस करती है, कंपनी के साथ कुल 2,183,887 एसोसिएट्स काम करते हैं, इसमें एक लाख 62 हजार अमेरिका में हैं, इसमें करीब 54 फीसदी महिलाएं हैं, 1987 में वाॅलमार्ट ने सबसे बड़ा प्राइवेट सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम स्थापित किया था और इसे वाॅइस, डाटा और वीडियो कम्युनिकेशन के जरिए संचालित करेन के लिए आपस में लिंक किया था, तकनीकी रूप से आधुनिकीकरण में भी वाॅलमार्ट आगे रही है, इसने 1968 में आईबीएम के साथ मिलकर वाॅलमार्ट कम्प्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की दिशा में कदम बढ़ाए थे, इसके मालिकों सैम और बड़ ने 1968 में वाॅलमार्ट एविएशन की स्थापना भी की थी, ताकि अपने स्टोर्स पर विमान से जा सकें, कंपनी ने 2007 में अपनी साइट टु स्टोर सर्विस लाॅन्च की, जिससे ग्राहकों को ऑनलाइन खरीदारी करने और स्टोर में मर्चेंडाइज लेने में काफी मदद मिली।

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