नमस्कार साथियों आज का यह लेख बहुत गंभीर मुद्दे पर है क्योंकि आज हम OBC वर्ग के ऐसे मुद्दे पर चर्चा करने जा रहे है जिसको अभी भी कई अभ्यर्थी या कई ओबीसी वर्ग के लोग यह कहकर नजरअंदाज करते है कि ओबीसी आरक्षण जैसा कोई मुद्दा है ही नही, और यह कहकर नकारतें है कि लोग फालतू में इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे है।
अगर आप भी उन लोगों में शामिल होकर इसे हल्के में लेने की भूल कर रहे है तो यही नादानी कल को आप पर भी भारी पड़ सकती है, आज हम आपके सामने ऐसे तथ्य रखेंगे जिनको देखकर आप समझ जाएंगे की ओबीसी आरक्षण का मुद्दा कितना गंभीर मुद्दा है जिनसे हजारों-लाखों ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों का भविष्य संकट में पड़ गया है।
असल मुद्दा :
दरअसल कार्मिक विभाग ने 17 अप्रैल 2018 को नियम में संशोधन कर राजस्थान सरकार के भूतपूर्व सैनिक अधिनियम में परिवर्तन करके यह नियम जारी किया था कि भूतपूर्व सैनिकों को HORIZONTAL आरक्षण है, यानि अभ्यर्थी जिस वर्ग(GEN, EWS, SC, ST, OBC, MBC) का होगा उसी वर्ग के पदों में समायोजित किया जाएगा, साथ ही भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों में पिछली भर्ती का बैकलाॅग और वर्तमान विज्ञप्ति पदों का 12.5% पदों का सम्मिलित किया गया लेकिन 17 अप्रैल 2018 को संशोधित किए गए नियम का विपरीत प्रभाव पिछले 4 सालों से OBC MALE अभ्यर्थियों पर देखने का मिल रहा है, संशोधित नियमों की वजह से अधिकांश पद भूतपूर्व सैनिक OBC वर्ग से ही भरे जा रहे है, साथ ही मेरिट में स्थान बनाने के बाद भी OBC अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया से बाहर होते जा रहे है।
बेरोजगारों से धोखा :
उदाहरण के तौर पर राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2019 में कुल पदों की संख्या 5500 थी। इनमें से जिला पुलिस के ओबीसी पुरूषों के पदों की संख्या 247 थी। इन सभी 247 पदों पर भूतपूर्व सैनिकों का चयन कर लिया गया। ओबीसी सामान्य वर्ग के एक भी अभ्यार्थी का पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2019 में चयन नहीं किया गया। इस लिहाज से देखे तो उन्हें ओबीसी वर्ग के 247 पदों के 12.5% के हिसाब से 30 पद ही मिलने चाहिए थे। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बदले नए नियमों के कारण वर्ष 2018 के बाद हुई सभी सरकारी भर्तियों में ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। राजस्थान पुलिस भर्ती 2019 में राजस्थान का Second Topper टाॅपर योगेश यादव(रोल नंबर – 219333991, कोटा ग्रामीण) चयन से वंचित रहा।
अब हम आपकों हाल ही है कुछ मोटा-माटी केस बता देते है जिनमें ओबीसी वर्ग के युवाओं का नंबर लाने के बावजूद नौकरी से वंचित रहना पड़ा।
केस नंबर 1: नाम – योगेश यादव
परीक्षा – राजस्थान पुलिस भर्ती 2019
अंक – 75 में से 70 (जनरल से 2 अंक अधिक)
नतीजा – नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर
केस नंबर 2: नाम – योगेन्द्र सिंह
परीक्षा – सब इंस्पेक्टर भर्ती 2016
पदों की संख्या – 511
मेरिट में टाॅप 220 में स्थान मिला
नतीजा – नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर
साथियों यह महज दो ऐसे केस नही है बल्कि प्रदेश के उन सैंकड़ों-हजारों ओबीसी अभ्यर्थियों के सपनों पर कठुराघात है जो पूर्ववर्ती राजस्थान की बीजेपी सरकार द्वारा आनन-फानन में लिए एक फैसले से आज तक परेशानी झेल रहे है।
नए नियमों के तहत अभी तक जिन अभ्यर्थियों पर प्रभाव पड़ा वो है –

सालों से संशोधित नियमों का दंश झेल रहे बेरोजगारों की पीड़ा सुनने वाला सरकार में अभी तक कोई नही मिल रहा है, अब आप ही है जो सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाकर सरकार को जगा सकते है ताकि ओबीसी वर्ग के लाखों अभ्यर्थियों को निराश नहीं होना पड़े, इसके लिए आपकों इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा अपने साथियों के साथ शेयर करे और अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने का काम करे अगर आज नही चेते तो कल आपकी सरकार में कोई सुनने वाला नही होगा, हमे अब सरकार पर दबाव बनाकर नए संशोधित नियमों में जल्द से जल्द संशोधन करवाना होगा।
जागों OBC जागों