Truecaller Success Story | ट्रूकाॅलर सफलता की कहानी

नमस्कार साथियों आज के इस पोस्ट एप् कंपनी ट्रूकाॅलर की सफलता की कहानी जानेंगे।
ट्रूकाॅलर एप् के बारें में दुनिया में सबसे ज्यादा कहीं चर्चा होती है तो वो भारत में। इसकी वजह बाजार है। इसके सबसे ज्यादा उपयोगकर्ता, ज्यादा कर्मचारी भारतीय हैं। इसे सबसे जयादा रेवेन्यू भी भारत से ही मिलता है। ट्रूकाॅलर की रिपोर्ट के मुताबिक स्पैम काॅल से प्रभावित टाॅप-5 देशो में भारत है। हाल ही में कंपनी ने भारतीय यूजर्स के लिए ‘गवर्नमेंट सर्विसेस’ नाम से एक फीचर जोड़ा है। इसके तहत लोग केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों और आपात नंबर्स को भी एप पर खोज सकते हैं। हालांकि कंपनी पर हमेशा से निजता में दखल देने और इसका उल्लंघन करने के साथ लोगों की पहचान उजागर करने के आरोप लगते रहे हैं। महज दस साल पुरानी स्वीडन की यह कंपनी कैसे दुनिया की सबसे बड़ी काॅलर आईडी एप् बन गई आज के इस पोस्ट में जानेने का प्रयास करेंगे।

कब बनी2009
रेवेन्यू(2021-22)578 करोड़ रूपए

शुरूआत:

ट्रूकाॅलर की शुरूआत 2009 में स्वीडन के स्टाॅकहोम में हुई थी। इंजीनियरिंग कर रहे एलेन ममेदी और नामी जरिंगहालम दो स्टार्टअप पर काम कर चुके थें इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली थी। उन्होंने तीसरे स्टार्टअप के रूप् में एक एम्प्लाॅई रिव्यू वेबसाइट बनाई लेकिन इसके बाद उनको अनजान नंबरों से फोन आने लगे थे। उन अनजान नंबरों की पहचान के लिए उनके दिमाग में काॅलर आईडी एप् बनाने का विचार आया। शुरूआती में यह सिर्फ ब्लैकबेरी के लिए था। 2012 आते-आते उनके एप् के 10 लाख डाउनलोड हुए और कंपनी में कुल 15 कर्मचारी थे। लेकिन रेवेन्यू का कोई माॅडल नहीं बन पा रहा था। पर मध्य पूर्व के देशो और भारत में इसके यूजर्स बढ़ रहे थे। इसके बाद ममेदी और नामी ने ट्रू-साॅफ्टवेयर स्कैंडिनाविया नाम से कंपनी बनाई और मार्केटिंग शुरू की। 8 अक्टूबर 2021 को ट्रूकाॅलर नैसडेक स्टाॅकहोम में आईपीओं लाया। आज दुनिया में करीबन 30 करोड़ लोग ट्रूकाॅलर एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते हैं।

बाजार:

ट्रूकाॅलर जब आधिकारिक रूप् से भारत में नहीं आया था, उससे भी पहले साल 2012 में भारत में लोगों ने इसे डाउनलोड करना शुरू कर दिया था। तब तक दुनिया में इसके करीबन 10 लाख डाउनलोड ही थे। कंपनी के अप्रैल-जून 2022 तिमाही नतीजों के मुताबिक भारत में इसके डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या 14 प्रतिशत बढ़कर 19.4 करोड़ पहुंच गई है। वहीं कुल यूजर्स 22 करोड़ से ज्यादा हैं। कंपनी की सेल्स में भी 130 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई हैं। ट्रूकाॅलर भारत से सर्वाधिक रेवेन्यू कमा रही है, लेकिन आरोप है कि टैक्स देने में पीछे है। नासडाक स्टाॅकहोम में फाइलिंग के मुताबिक पिछले साल ट्रूकाॅलर का राजस्व 8.30 करोड़ रूपरए के आसपास रहा। इसमें भारत से रेवेन्यू 578 करोड़ रूपए रहा। यानी कुल कमाई का 70 प्रतिशत। हालांकि भारत में वित्तिय स्टेटमेंट के मुताबिक वित्तिय वर्ष 2021 में रेवेन्यू 158 करोड़ दर्षाया गया। अमेरिकी रिसर्च ग्रुप वायसराय ने रिपोर्ट में बताया कि ट्रूकाॅलर भारत से सबसे ज्यादा कमाई कर रहा है लेकिन सबसे ज्यादा टैक्स स्वीडन में देता है।

माॅडल:

ट्रूकाॅलर सबसे ज्यादा (70 प्रतिशत) कमाई विज्ञापनों से करता है। इसके बाद सब्सक्रिप्षन (16.3 प्रतिशत) और 14 फीसदी आय अन्य जरियों से होती है। ट्रूकाॅलर के डाटाबेस के चार मुख्य स्त्रोत हैं। पहला एप्लिकेशन डाउनलोडिंग। दूसरा कई देशो में अभी भी डायरेक्ट्री होती हैं, इनसे भी उन्हें जानकारी मिलती है। तीसरा कंपनी ने सोशल मीडिया माध्यमों से टाइअप किया है, जो सार्वजनिक रूप से नंबर दिखाते हैं। चौथा स्त्रोत एपीआई और एसडीके है। ये विभिन्न कंप्यूटर प्रोग्राम्स का आपस में बात करने का जरिया है।

क्या आप भी Truecaller का इस्तेमाल करते है ?

विवाद:

ट्रूकाॅलर पर शुरूआत से ही निजता के उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं। यूजर्स की फोनबुक को अपने सर्वर पर अपलोड करने की शिकायतों के चलते ट्रूकाॅलर आलोचना का शिकार होता रहा है। कंपनी के एक पूर्व कर्मचारी ने भारत में एक मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में बताया था कि अपने फोन नंबर को पहचाने जाने वाली सहमति देने वालों की तुलना में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है, जिन्होंने सहमति नहीं दी है, लेकिन ट्रूकाॅलर में उन्हें जोड़ लिया गया है। अगर ट्रूकाॅलर के काॅलर आइडी के अलावा दूसरे फंक्षन इस्तेमाल करना हैं, तो काॅन्टैक्ट लिस्ट की परमिशन देनी होती है। आरोप लगते रहे हैं कि भारत में डाटा प्रोटेक्षन को लेकर ठोस कानून की कमी का कंपनी ने फायदा उठाया। ट्रूकाॅलर की प्राइवेसी पाॅलिसी में भी अंतर है, यूरोपीय देशों में अलग नीति है तो बाकी दुनिया के लिए अलग। पिछले साल बाॅम्बे हाई कोर्ट में ट्रूकाॅलर के खिलाफ जनहित याचिका लगाई गई थी। बाद में यह सुप्रीम कोर्ट पहुंची। हालांकि इस साल सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।

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