मेड़ता मंडी के जीरे की खासियत, क्यों बिकता इतना महंगा | 61351

जीरा मंडी की बात करें और मेड़ता मंडी का नाम ना आए ये कैसे हो सकता है, क्योंकि मेड़ता सिटी की जीरा मंडी ना की राजस्थान बल्कि पूरे भारत में दिन प्रतिदिन भावों नए-नए कीर्तिमान रच रही है, जहां पूरे देश में आज तक कभी भी जीरा 40000 हजार को भी छूनें में नाकामयाब रहा वहीं राजस्थान की मेड़ता सिटी कृषि उपज मंडी में जीरा 50000 हजार को भी पीछे छोड़ते हुए रिकाॅर्ड 61,351 रूपए प्रति क्विंटल बिककर इतिहास रच दिया है। तो चलिए आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे की आखिर मेड़ता सिटी की जीरे में ऐसा क्या है कि यह इतना महंगा बिक रहा है।
साथियों मेड़ता कृषि उपज मंडी में बुधवार को जीरा रिकाॅर्ड 61351 रूपए प्रति क्विंटल बिका था। एक दिन में 25 हजार क्विंटल की आवक हुई व औसत भाव 45 से 50 हजार से करीब सवा अरब का कारोबार हुआ।

मापदंड:

वजन:

मेड़ता : मेड़ता क्षेत्र के जीरे में 1 ग्राम में 157 दाने ही आए, क्योंकि भारी था।
उंझा: एक ग्राम में 302 दाने तुल क्योंकि हल्का था।

आकार:

मेड़ता: इसका आकार 30 प्रतिशत तक ज्यादा बड़ा होता है, यही अलग पहचान भी है।
उंझा: तुलनात्मक रूप से बारीक होता है।

खुशबू:

मेड़ता: इसकी महक 1 मीटर दूर से ही आने लगती है।
उंझा: इसकी कम महक होने से एक से डेढ़ फीट दूर से खुशबू आती है।

स्वाद:

मेड़ता: इस जीरे का स्वाद मुंह में दो घंटे तक रहता है।
उंझा: कुछ ही मिनट में स्वाद गायब हो जाता है।

घनत्व:

मेड़ता: एक लीटर जार में एक किलो से अधिक तुलाई होती है।
उंझा: एक लीटर में 800 ग्राम तक तुलाई होती है, क्योंकि घनत्व कम और हल्का होता है।

ऑयल:

मेड़ता: मेड़ता मंडी के जीरे में 5 प्रतिशत तक क्यूमिन एल्डिहाइड होता है।
उंझा: अधिकतम 3 प्रतिशत ही होता है। इसलिए महक कम है।

टिकाऊपन:

मेड़ता: इस जीरे का 8 साल तक कुछ नहीं बिगड़ता।
उंझा: 5 साल बाद पाउडर में तब्दील होने लगता है।

वेल्यू:

मेड़ता: इस जीरे को मसाला मिक्चर में स्वाद और खुशबू के लिए इसकी 70 प्रतिशत मात्रा ही काफी होती है।
उंझा: इसकी मात्रा पूरी जरूरी।

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