Satellite Phone क्या है? और कैसे काम करता है ?

साथियों अक्सर आपने कई बार Satellite Phone का नाम तो जरूर सुना होगा कई बार आपने फिल्मों में देखा होगा कि स्टार इन Satellite Phone का उपयोग करते नजर आ रहे है इसके अलावा कई दूर-दराज इलाकों में जहां पर मूल आवश्यकताओं की कमी होती है अक्सर वहां इस फोन का उपयोग किया जाता है आज के इस पोस्ट में जानेंगे की Satellite Phone kya hai और कैसे काम करता है ? यह फोन सामान्य फोन से कितना अलग है? ऐसे ही रोचक जानकारी आज के इस पोस्ट में जानेंगे।

Satellite Phone क्या है?

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सेटेलाइट फोन में नेटवर्क सामान्य टावरों की जगह अंतरिक्ष में भेजे गए सेटेलाइटों से मिलता रहता है इसी वजह से सेटेलाइट फोनों से सुदूर में बैठे किसी व्यक्ति से बात कर सकते है। इन फोनों की मदद से ही भारतीय सेना लद्दाख जैसे सुदूर इलाके में होते हुए देश के दुसरे हिस्से में बैठी सेना से संपर्क बनाये रखती हैं।
उदाहरण: अब हम आपको एक उदाहरण के माध्यम से समझाते है आप भी जानते है भारत के उत्तर में स्थित लद्दाख में सामान्य फोन के टावर व नेटवर्क की अभी उपलब्धता बहुत कम है मगर भारतीय सेना को अपनी टुकड़ियों लगातार संपर्क बनाये हुए भी रखती है और वो इसी फोन की वजह से संभव हो पा रहा है।

सामान्य फोन व सेटेलाइट फोन में अंतर:


सामान्य फोन का उपयोग आप और मेरे जैसे आम आदमी उपयोग करते है इस फोन के लिए हमें नेटवर्क की आवश्यकता होती है इसके लिए हमें अनेक सिम कंपनियों (जिओ, एयरटेल, वोडाफोन) द्वारा हमें नेटवर्क मुहैया कराया जाता है जिसका जितना नेटवर्क अच्छा होता है उसकी इंटरनेट व काॅल करने की स्पीड उतनी ही अच्छी होती है।
सेटेलाइट फोन में किसी भी प्रकार के नेटवर्क की आवश्यकता नहीं होती है वो तो सीधा अंतरिक्ष में भेजे गए सेटेलाइट के आधार पर दूसरे सेटेलाइट फोन से संपर्क बनाता है। इसमें नेट की स्पीड बहुत कम या ना के बराबर होती है।
क्या किसी भी आम आदमी को इस फोन के रखने की अनुमति होती है?
साथियों अब आपके भी मन में यह सवाल तो जरूर उठा होगा कि भाई इसमें किसी भी प्रकार के नेटवर्क की जरूरत नहीं होती है तो क्या हम भी रख सकते है तो इसका जवाब है नहीं, क्योंकि इस फोन के रखने की अनुमति भारतीय सेनाओं व सरकारी संस्थाऐं जो सुदूर पहाड़ी इलाके या जंगल में रहते हुए अपने देश के लिए काम करती है सिर्फ उन्हीं को Satellite Phone रखने की अनुमति होती है। कुछ ऐसे बाॅर्डर से सटे इलाके है जहां पर समान्य फोन के नेटवर्क उपलब्ध नहीं है वहां पर Satellite Phone रखने की अनुमति दी जा रही है।
अभी कुछ साल पहले तक इस फोन का कनेक्शन लेने के लिए सरकार से अनुमति ली जाती थी और टाटा कम्यूनिकेशन द्वारा यह सेवाएं मुहैया कराई जाती थी लेकिन अब BSNL द्वारा यह सेवाऐं दी जा रही है।

Satellite Phone के नुकसान:


साथियों सेटेलाइट देश के सुदूर इलाके से जोड़ने का एक जरिया कई बार प्राकृतिक आपदा या अन्य प्रकार की आपदा आ जाती है तो इसी फोन की माध्यम से संपर्क बनाया जाता है मगर इसके कुछ नुकसान भी है। जब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 व विशेष राज्य का दर्जा सरकार ने वापस लिया तो उस वक्त पूरे प्रदेश में मोबाईल सेवाओं को सरकार ने कुछ महीनों के लिए बंद कर दिया था उस नेटवर्क बंदी के समय पाकिस्तान की सरकार व ISI ने जम्मू-कश्मीर में बैठे अपने एंजेंटो से इसी फोन की मदद से वार्ता करते थे और इसी फोन से आंतकी वारदातों के लिए उकसाया जाता था। इसलिए सरकार द्वारा सेटेलाइट फोन के लिए सरकार को और सख्त रवैया अपनाने की जरूरत है।
साथियों आज की इस पोस्ट से जुड़ा अगर आपके भी कोई प्रश्न या सूझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताऐं।

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