साथियों आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि मनी लॉन्ड्रिंग क्या होता है और कैसे किया जाता है। भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के आंकड़े साल दर उतरोत्तर बढ़ते जा रहे जो कि चिंता का विषय बनता जा रहा है।
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मनी लॉन्ड्रिंग :
मनी लॉन्ड्रिंग किसी गैर-कानूनी तरीके से कमाए गए पैसे या धन को कानूनी रूप देने का एक जरिया है। मूल रूप से मनी लॉन्ड्रिंग से अर्जित धन एक प्रकार से अवैध धन है जिसको कमाने का जरिया जुआ, वसूली, फिरौती या डकैती होता है मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले व्यक्ति को लांउडरर कहा जाता है।
उत्पति:
मनी लॉन्ड्रिंग शब्द की जन्म स्थली संयुक्त राष्ट्र अमेरिका को माना जाता है क्योंकि 1980 के दशक में सर्वप्रथम यही से इसकी शुरूआत हुई आगे चलकर 2000 आते-आते मनी लॉन्ड्रिंग दुनिया के तमाम देशों में फैल गया।
प्रक्रिया:
साथियों मनी लॉन्ड्रिंग की प्रकिया को तीन चरणों मे पूरा किया जाता है।
1 – प्लेसमेंट ( PLACEMENT )
2 – लेयरिंग ( LAYERING )
3 – एकीकरण ( INTEGRATION )
1 – प्लेसमेंट ( PLACEMENT ): प्लेसमेंट मनी लॉन्ड्रिंग का पहला चरण है जिसके जरिए लांउडरर गैर-कानूनी तरीके से जमकर पैसे कमाता है।
2 – लेयरिंग ( LAYERING ): लेयरिंग मनी लॉन्ड्रिंग का दूसरा चरण है जिसमें लांउडरर्स अपनी आय का साधन छुपाकर अपने द्वारा अर्जित धन को कम या गलत दिखाता है इसी चरण में लांउडरर अपने धन को औपचारिक व अनौपचारिक रूप से बैंको व अन्य वित्तिय संस्थाओं में जमा करवाता है इसी चरण में लांउडरर अपने धन को शेयर बाजार, Bitcoin, व धन को बांड करवाता है।
3 – एकीकरण ( INTEGRATION ) : एकीकरण मनी लॉन्ड्रिंग का तीसरा व अंतिम चरण है जिसमें लांउडरर अपने लेयरिंग द्वारा किए गए इन्वेस्ट की निकासी कानूनी रूप से करता है इस प्रक्रिया में वह अपने धन को निवेश, चल-अचल संपति खरीदकर करता है।
उदाहरण:
साथियों अब हम उपरोक्त तीनों चरणों को उदाहरण के माध्यम से समझते है माना कि कोई व्यक्ति जेम्स लांउडरर है अब उसको अपने अर्जित धन को कानूनी रूप से वैध बनाना है इसके लिए अगर वह बैंक में सीधा जाकर लेन-देन करता है तो वह पकड़ा जाएगा और उससे पूछताछ भी कि जा सकती है अगर वह सरकार को सही जवाब देने में असमर्थ होता है तो उसे जेल भी जाना पड़ सकता है और हो सकता है उसको अपने धन से हाथ भी धोना पड़ सकता है इसके लिए वह दूसरा तरीका अपनाता है वो तरीका है पहले तो वह एक फर्जी कंपनी बनाता है जिसे आमतौर पर शैल कहा जाता है और फिर उसमे सिर्फ कागजी इन्वेस्टमेंट करता है और प्राप्त आय से चल-अचल संपति खरीदी जाती है और सरकार से कहा जाता है कि यह संपति कंपनी के लाभ से होने वाले पैसो से खरीदी जा रही है ऐसा नाटक सिर्फ अवैध संपति को वैध व कानूनी रूप से सफेद करने के लिए किया जाता है इससे एक तो लांउडरर टैक्स से बच जाता है और दूसरा उसका सारा पैसा भी सफेद धन मे बदल जाता है।
खतरनाक:
मनी लॉन्ड्रिंग देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लिए बहुत ही खतरनाक बनती जा रही है क्योंकि इससे प्राप्त धन की मदद से ही आतंकियों को सर्वाधिक धन की फंडिंग कि जाती है और फर्जी कंपनियों के नाम पर लोगो के साथ धोखाधड़ी की घटनाऐं भी बढ़ रही है।
कानून:
मनी लॉन्ड्रिंग का भारत में सबसे पहले प्रयोग 1990 के दशक में हुआ जब भारत के कई नेताओं के नाम इसमें आये इसी के जरिए राजनेता अपना काला-धन को सफेद धन में बदलते है इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सर्वप्रथम 2002 में एक कानून बनाया जिसे PMLA( Prevention of Money Laundering ) के नाम से पुकारा जाता है जिसे आमतौर पर ” धनशोधन की रोकथाम” के नाम से भी जाना जाता है अधिनियम में अब तक तीन संशोधन 2005, 2009, 2012 में किए जा चुके है।
अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग व टेरर फडिंग को रोकने के लिए FATF( Finacial Action Task Force ) है जो गैर कानूनी काम करने वाले देशों पर नजर बनाये रखता है। पाकिस्तान अभी FATF की ग्रे सूची में है।
विश्व के कुछ ऐसे भी देश है जो मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा दे रहे है उनके द्वारा इस पर लचीला कानून बनाया गया है और अपनी अर्थव्यवस्था में मनी लॉन्ड्रिंग के पैसो की बदौलत यह देश दुनिया के अन्य देशों की अर्थव्यवस्था को तबाह करने में तुले हुए इस पर लगाम लगाने के लिए दुनिया के शक्तिशाली व जिम्मेदार देशों को एक होकर उन पर कानून बनाकर दबाव बनाया जाये जिससे दूसरे देशों की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी व उनकी अर्थव्यवस्था को हास होने से बचाया जा सकेगा।
साथियों हमारे द्वारा दी गई उपरोक्त जानकारी पर आपका कोई भी प्रश्न या सूझाव है तो हमे कमेंट करके जरूर बताए।