मेड़ता मंडी : जीरा 50 हजार के पार, रचा इतिहास

देश में पहली बार मेड़ता मंडी में 50 हजार पार जीरा, एक ही दिन में 57 करोड़ का कारोबार, राष्ट्रीय मंडी उंझा में भी 42 हजार ही बिका।
कृषि उपज मंडी में मसाला फसल जीरा पहली बार 50 हजार रूपए प्रति क्विंटल के भाव बिका है जो आज तक के इतिहास में सर्वाधिक है। शुक्रवार को मंडी बंद होने तक 41 हजार रूपए के भाव थे। मगर सोमवार को मंडी में एक साथ नौ हजार रूपए प्रति क्विंटल भाव बढ़ने के साथ ही अचानक उछाल आया और साथ ही अचानक उछाल आया और किसानों के वाहनों की भीड़ लगी, जिसके चलते मंडी में रात 3 बजे तक तुलाई चली। रोचक बात यह है कि देश की सबसे बड़ी व निर्यातक उंझा मंडी में भी भाव 42 हजार के करीब रहे। मेड़ता में देश का सर्वाधिक 50 हजार के भाव जीरा बिका है। अकेले सोमवार को 57 करोड़ रूपए का कारोबार हुआ है।
व्यापारी ओमप्रकाश धेतरवाल ने बताया की उच्च क्वालिटी वाले जीरे की ढीरे अधिकत्तम 50 हजार रूपए प्रति क्विंटल व न्यूनतम 36 हजार रूपए तक बिका है। जानकारी अनुसार पिछले साल 181 लाख क्विंटल की आवक थी जबकि इस बार 160 लाख क्विंटल ही आवक हुई है। ऐसे में जीरे की कमी और विदेशो में 30 फीसदी जीरा निर्यात किए जाने के कारण भावों में तेजी आई है।
बेमौसम बारिश के साथ ही फसल खराबे से जीरा के उत्पादन पर असर पड़ा और तय उत्पादन से एक लाख क्विंटल कम पैदावार हुई हैं वहीं विदेशो में निर्यात होने के कारण यहां बाजार में भी डिमांड बढ़ रही है। ऐसे में जीरे के भाव आसमान छूने लगे है। 1 मार्च से 10 अप्रैल तक कृषि मंडी में 24 दिन तुलाई हुई थी। जिसमें करीब दो लाख बोरी यानी 1 लाख क्विंटल जीरा की आवक हुई है। जो कि पिछले सारे रिकाॅर्ड तोड़ चुकी है। वहीं इससे पहले इस साल में 60 लाख क्विंटल की आवक हुई थी। सोमवार को एक दिन में 11 हजार क्विंटल के करीब आवक हुई तथा अब तक करीब 3 अरब का व्यापार हुआ है।

जीरे के भावों में तेजी की दो वजह :

घरेलू के साथ अब विदेशो में डिमांड:
घरेूल के साथ अभी विदेशो के बाजार में भी डिमांड बढ़ी हुई है। अकेले बांग्लादेश, नेपाल व यूरोप महाद्वीप के कई देशो में आवक का 30 प्रतिशत जीरा निर्यात होता है। इस साल उत्पादन कम हुआ है क्योंकि जीरा की कटाई के समय बेमौसम बारिश से फसल खराब हुई और क्वालिटी भी कम हुई। ऐसे में भावों में तेजी आई।
45 हजार हैक्टेयर में मात्र 3.62 लाख क्विंटल पैदावार:
मेड़ता कृषि विस्तार निदेशक रामप्रकाश बेड़ा ने बताया कि मेड़ता कृषि उप जिला क्षेत्र में 45300 हेक्टेयर में जीरे की बुवाई में इस बार करीब 3,62,400 क्विंटल पैदावार हुई है। जो करीब एक लाख क्विंटल कम है।

व्यापार क्या बोले:

सुरेश जैन(प्रमुख जीरा व्यापारी): विदेशो में पहले गुजरात की उंझा मंडी से अधिक जीरा निर्यात होता था। मगर राजस्थान के जीरे की क्वालिटी अच्छी होने के कारण अब सीधा निर्यात होने लगा है। जिससे भावों में तेजी आई है।
रामअवतार चितलांगिया(उपाध्यक्ष, मेड़ता मंडी):
तुर्की और सीरिया मे मौसम खराब होने से जीरे का उत्पादन बहुत कम हुआ है इस कारण जीरे की डिमांड ज्यादा है। पहले गुजरात से निर्यात होता था। अब राजस्थान से सीधाा जाता हैं।
राजेंद्र कुमार रियाड़ (सचिव, मेड़ता मंडी ):
भावो में तेजी के साथ ही आवक बढ़ी है। जिस कारण दो शिफ्ट में कार्य करते हुए रात भर तुलाई की जाएगी ताकि किसानों को इंतजार न करना पड़े। मंडी में किसानों को असुविधा न हो इसलिए पूरा प्रशासन व्यवस्था में जुटा हुआ है। किसानों के लिए खुशी है।

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