Maha Shivratri 2021: महाशिवरात्रि पर 101 साल बाद बन रहा है यह अद्भुत संयोग। Shivratri। Lord Shiva

साथियों देश भर में महाशिवरात्रि पर्व की धूमधाम से मनाये जाने की तैयारियां जोरो पर है गुरूवार मतलब शिवरात्रि का दिन काफी महत्वपूर्ण दिन है सभी प्राचीन मंदिरों समेत शिवालयों पर यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा और जलाभिषेक का कार्यक्रम भी रखा जाएगा। महाशिवरात्रि महापर्व पर छोटी काशी कहे जाने वाले जयपुर के शिव मंदिरों में सुबह से ही हर-हर महादेव, बम-बम भोले की गूंज होगी।
महाशिवरात्रि का पर्व सात ग्रहों का केंद्रीय याोग शिव आराधना के लिए खास होगा शिवालयों में महादेव का पुष्पों से विशेष श्रृंगार होगा इसके साथ ही प्रथम प्रहर की पूजा शाम 6.29 बजे से शुरू होगी और अंतिम प्रहर रात 3.41 बजे तक रहेगा। हालांकि एक बार फिर बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच कई मंदिर प्रबंधनों की ओर से मेला आदि गतिविधियां नहीं होगी।
ताड़केश्वर महादेव मंदिर में भक्त बारी-बारी से सामाजिक दूरी की पालना के साथ दर्शन और जलभिषेक कर सकेंगे। चार प्रहर की पूजा शाम 6.29 बजे से शुरू होगी। वैशालीनगर झारखंड महादेव मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग के दर्शनों का सिलसिला गुरूवार सुबह पांच बजे से शुरू हो जाएगा।
साथियों महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को शिवरात्रि महापर्व मनाया जाता है इस बार धनिष्ठा नक्षत्र में शुरू हो रही महाशिवरात्रि में शिव योग भी बन रहा है, जिससे इस बार त्योहार का महत्व और बढ़ गया है, इस शुभ संयोग के बीच शिवरात्रि में पूजा-आराधना शिव भक्तों के लिए विशेष फल प्राप्ति और कल्याणकारी माना जा रहा है महाशिवरात्रि पर इन शुभ संयोगों का मिलन करीब 100 साल बाद हो रहा है।
इस बार देश भर के कई ऐसे मंदिर भी है जो कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से आम भक्तों के लिए नहीं खोले जा रहे है जिन मंदिरों को भक्तों के लिए खोला जा रहा है उनमें कोरोना गाइडलाइन की पालना बरतनें की हिदायत दी गई है।

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