Adani Group के बारे में जानकारी

शेयर मार्केट इन दिनों भारी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है और इसकी वजह है अदाणी समूह। बीती 24 जनवरी को अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह पर गंभीर वित्तिय आरोप लगाते हुए अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसके बाद अदाणी समूह की सारी कंपनियों के शेयर्स में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। अब अदाणी के शेयर्स में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। अब अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड का एफपीओ भी समूह को वापस लेना पड़ा है। अदाणी समूह ने शोर्ट सेलिंग करने वाली कंपनी हिंडनबर्ग के सारे आरोपों का खंडन करते हएु इसे साजिश करार दिया है। इस बीच क्रेडिट सुइस के बाद सिटी ग्रुप ने भी अदाणी समूह की लेंडिंग वैल्यू (कर्ज लेने की क्षमता) घटाई है। देश के सबसे बड़े बिजनेस घराने में से एक अदाणी समूह की कहानी कुछ कम रोचक नहीं है।

अदाणी समूह शुरूआत1988
मार्केट कैप10.42 लाख करोड़ रूपए

कर्ज बढ़ा:

यूरोप की इन्वेस्टमेंट कंपनी क्रेडिट सुइस ने 2015 में ‘हाउस ऑफ़ डेट’ रिपोर्ट में कहा था कि अदाणी ग्रुप गंभीर दबाव झेल रही 10 बड़ी कंपनियों में से एक है, जिस पर बैंकिंग सेक्टर का 12 प्रतिशत लोन है। जेफरीज इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी के अनुसार अदाणी ग्रुप पर कंसोलिडेटेड ग्राॅस डेट 1.91 लाख करोड़ रूपए (23.31 अरब डाॅलर) है। गौतम अदाणी कहते हैं कि नौ साल पहले उनके समहू की कंपनियों पर कुल कर्ज में 86 फीसदी हिस्सा भारतीय बैंकों का था। लेकिन अब यह हिस्सा घटकर 30 प्रतिशत रह गया है। करीबन 50 फीसदी उधारियां बाॅन्ड के जरिए हैं। अदाणी कहते हैं कि बीते नौ सालों में उनका मुनाफा कर्ज की तुलना में दोगुनी गति से बढ़ा है। कर्ज के मुकाबले एबिटा का अनुपात 7.6 से घटकर 3.2 पर आ गया है।

बिजनेस फैला:

अदाणी समूह ने कोयला, एनर्जी, खनन, फिर ग्रीन एनर्जी की दिशा में व्यापार विस्तार किया। 2018 में देश के 6 एयरपोर्ट का नियंत्रण अदाणी समूह को मिला था। उस समय विवाद भी हुआ था। इसके बाद बिजली वितरण, सौर ऊर्जा उत्पादन के साथ साल 2022 में अदाणी समूह अंबुजा सीमेंट-एसीएसी में हिस्सेदारी खरीदकर भारत का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट निर्माता बन गया। एनडीटीवी के अलावा कुछ अन्य अधिग्रहण भी किए। अदाणी समूह की कंपनियों ने वैल्युएषन के मामले में भी एयरटेल, स्टेट बैंक जैसी ब्लू चिप कंपनियों को पीछे छोड़ दिया था। बीएसई की सारी कंपनियों का 2022 में मार्केट कैप 12.74 लाख करोड़ रूपए बढ़ा। इसमें अदाणी समूह की कंपनियों का मार्केट कैप 10.05 लाख करोड़ रूपए बढ़ा।

संपत्ति घटी:

अदाणी समूह की कंपनियों के लिए पिछले तीन साल रोलर-कोस्टर राइड की तरह रहे। 2020 में गौतम अदाणी की संपत्ति 1.49 लाख करोड़ रूप्ए बढ़ी। वहीं 16 सितंबर 2022 को 12.3 लाख करोड़ की नेटवर्थ के साथ वह दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी बन गए थे। सितंबर के बाद से उनकी स्थिति दो और तीन नंबर के बीच ऊपर-नीचे हो रही थी। बीते दो सालों में उनका कुल मार्केट कैप भी नौ गुना बढ़ गया था। पिछले दस सालों में उनकी नेटवर्थ में तीन हजार फीसदी का इजाफा हुआ था। पर बीते एक हफ्ते में अदाणी समूह का मूल्य 100 अरब डाॅलर गिर चुका है। फ़ोर्ब्स की रियल टाइम बिलियनेर लिस्ट में गुरूवार को गौतम अदाणी 5.27 लाख करोड़ रूपए की संपत्ति के साथ 17वें नंबर पर आ गए है, आप जिस समय यह पोस्ट पढ़ रहे है हो सकता है यह आंकड़ा ऊपर-नीचे हो जाए।

अदाणी समूह की साम्राज्य:

  1. अदाणी एंटरप्राइजेस लिमिटेड:
    यह समूह की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी है। यह खनन, कोयले का व्यापार, ,खाद्य तेल, रक्षा, नेचुरल रिसोर्स एयरोस्पेस, एयरपोर्ट डाटा सेंटर आदि क्षेत्र में है।
  2. एनर्जी और यूटिलिटी:
    इस वर्टिकल में चार लिस्टेड कंपनियां हैं – ग्रीन एनर्जी, ट्रांसमिशन, टोटल गैस लिमिटेड, अदाणी पावर। गैरसूचीबद्ध में अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज और अदाणी कोनेक्स हैं।
  3. ट्रांसपोर्ट और लाॅजिस्टिक्स:
    इसमें अदाणी पोट्र्स एंड स्पेशल इकोनाॅमिक जोन लिस्टेड कंपनी है। नाॅन-लिस्टेड कंपनियों में नाॅर्थ क्वीन्सलैंड एक्सपोर्ट टर्मिनल, अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग और अदाणी रोड्स ट्रांसपोर्ट हैं।
  4. सीधे उपभोक्ता से जुड़ी:
    इसमें एफएमसीजी कंपनी अदाणी विलमर लिस्टेड है। खाद्य तेल में लीडर यह कंपनी देश की टाॅप 10 एफएमसीजी कंपनियों में है। नाॅन-लिस्टेड में अदाणी डिजिटल लिमिटेड है।
  5. बाकी बिजनेस:
    इसमें अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड, एसीसी, एनडीटीवी लिस्टेड कंपनियां हैं। गैर-लिस्टेड में रीयल एस्टेट, फाइनेंशियल सर्विसेस, हाउसिंग फाइनेंस और आधा दर्जन स्पेशियलिटी बिजनेस है।

गौतम अदाणी का विचार:

राजीव गांधी ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में (1984-89) आयात-निर्यात नीति को उदार बनाया। गौतम अदाणी बताते है कि इसी के चलते उनकी बिजनेस जर्नी शुरू हुई। अगर राजीव वह नीति नहीं लाते, तो शायद वह कहीं और होते। अदाणी ने 1986 में प्लास्टिक, धातु और दवाओं वगैरह के निर्यात-आयात के लिए अदाणी एजेंसी एंड अदाणी एसोसिएट्स पार्टनरशिप कंपनी बनाई। 1988 में अदाणी एक्सपोट्र्स लिमिटेड कंपनी बनाई। यहीं कंपनी 1993 में अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड बनी। इस बीच ट्रेडिंग के लिए 1990 में गुजरात के मुंद्रा में अपना निजी बंदरगाह बनाया। 1999 में अदाणी ने विलमर के साथ कारोबार शुरू किया। साल 2000 में फाॅच्र्यून नाम से खाद्य तेल रिफाइनरी मुंद्रा में शुरू की ।साल 2007 में अदाणी टाॅप 10 रिचेस्ट भारतीयों की सूची में आ गए। 2014 में अदाणी पावर देश का सबसे बड़ा निजी बिजली उत्पादक बन गया।

रोचक तथ्य:

  • क्या आप जानते है गौतम अदाणी को 1998 में अहमदाबाद में फिरौती के लिए अगवा कर लिया गया था।
  • इसके अलावा 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के समय ताज होटल में दुबई पोट्र्स के सीईओ के साथ डिनर कर रहे थे, इस हमले में वह बाल-बाल बचे थे।

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