Google ने Doodle बनाकर भारत रत्न भूपेन हजारिका का जन्मदिन मनाया

Google ने आज अपना विशेष Doodle बनाकर भारत रत्न प्रसिद्ध भारतीय संगीतज्ञय और भारतीय संगीत में अतुलनीय योगदान देने वाले गीतकार, संगीतकार भूपेन हजारिका का जन्मदिवस मनाया है, उन्होंने अपने डूडल में भूपेन जी को संगीत गाते हुए एक खास स्थिति में दर्शाया है। आज के इस पोस्ट में हम भूपेन हजारिका के जीवन कों विस्तार पूर्वक जानने का प्रयास करेंगे।

Highlights :

PointsInformation
नाम भूपेन हजारिका (Bhupen Hazarika)
उप-नाम Xudha Kontho (শুদ্ধা কণ্ঠ)
जन्म 8 सितंबर 1926
स्थानतिनसुकिया, असम
पिता नीलकांत हजारिका
माताशांतिप्रिया हजारिका
पेशासंगीतकार, कवि, लेखक, गायक
पत्नीप्रियंवदा पटेल
बच्चे01
मृत्यु5 नवम्बर 2011(मुंबई, महाराष्ट्र)
सम्मानभारत रत्न, पद्म भूषण, दादा साहब फाल्के सम्मान, संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड, असोम रत्न

जीवन परिचय:

साथियों भूपेन हजारिका का जन्म 08 सितंबर 1926 को असम के तिनसुकिया जिले की सदिया में हुआ था, उनकें माता-पिता का नाम नीलकांत व शांतिप्रिया था, भूपेन बचपन से ही संगीत प्रेमी थे उन्हें संगीत से बेहद लगाव था, जिसकों देखते हुए उनके परिवार वालों ने भी उनका सहयोग बनाए रखा जिसकी बदौलत वो भारत के प्रसिद्ध संगीतज्ञय के रूप में उभरे थे।

भूपेन जी की प्रारंभिक शिक्षा गुवाहाटी के स्कूल में हुई व स्नातकोत्तर की पढाई उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पाॅलिटिकल साइंस में की, 1949 में भूपेन जी छात्रवृत्ति पर कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ने गए लेकिन आर्थिक तंगी के कारण लंबे समय तक वहां टिक नही पाए और कोलंबिया में ही उनकी मुलाकात प्रियंवदा पटेल से हुई जिसके बाद उन्होंने 1950 में दोनों ने शादी कर ली, आगे चलकर भूपेन ने अपना सारा जीवन संगीत को समर्पित कर दिया।

संगीत सफर:

वैसे तो भूपेन जी को बचपन से ही संगीत से गहरा लगाव रहा था लेकिन उन्होंने असली संगीत को कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढाई के दौरान ही जाना समझा था, इस दौरान उनकी मुलाकात फिल्म निर्माता राॅबर्ट स्टेंस और राॅबर्ट जोसेफ फ्लैहटी से भी हुई थी।

रोचक तथ्य:

भूपेन जी संगीत के प्रति गहरी रूचि होने के कारण हर समय उनकों कुछ ना कुछ नया सीखने की ललक रहती थी, एक बार अमेरिका के नीग्रो गायक पाॅल राॅबसन के साथ गाना सीखने जाने पर भूपेन हजारिका को सात दिन की जेल भी हो गई थी, दरअसल राॅबसन अश्वेत आंदोलन के प्रमुख एक्टिविस्ट थे, भूपने हजारिका पाॅल राॅबसन के गानों के इतने दिवाने थे कि उनके गीत ‘ओल्ड रिवर मैन’ पर 1964 में उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी को अर्पण करते हुए ‘मनुहे मनुहर बाबे’ की रचना की थी।

संगीत में भूपेन जी ने अपनी मूल भाषा असमी के अलावा हिंदी, बंगाली समेत अनेक भारतीय व क्षेत्रीय भाषा में महारत हासिल की थी, उनकी संगीत में रूचि का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है, उन्होंने अपने जीवन काल में 1,000 से अधिक गाने और 15 किताबे लिखी थी, उनकी इन्ही साहित्यिक रचनाओं की बदौलत संगीत को अलग स्तर पर लेकर गए, हिंदी फिल्मों में उनका सफर साल 1974 से प्रारंभ हुआ था।

सम्मान :

वर्षपुरस्कार
1975राष्ट्रीय पुरस्कार
1992दादा साहब फाल्के सम्मान
2009असोम रत्न, संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड
2011पद्म भूषण
2011मुक्ति योद्धा अवार्ड(बांग्लादेश)
2019 भारत रत्न (मरणोपरांत)

निधन:

भारत रत्न भूपेन हजारिका ने 85 वर्ष की आयु में 05 नवंबर 2011 को मुंबई में इस दुनिया को अलविदा कर दिया।

image credit : google

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