दोस्तों आज हम बात करने जा रहे है पूरे विश्व की सबसे ज्यादा बिकने वाले टूथपेस्ट ब्रांड कॉलगेट की।
जिसकी सफलता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि ज्यादातर घरों में टूथपेस्ट नही बल्कि Colgate बोला जाता है। अब आप ही बताइए किसी ब्रांड के लिए इससे ज्यादा सफलता की बात क्या होगी ।
Colgate आज पुरी दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला टूथपेस्ट है और आज के समय में यह टूथपेस्ट हर 100 घरों में से 70 से अधिक घरों में प्रयोग किया जाने वाला टूथपेस्ट है।

इतिहासः
लेकिन क्या आपकों पता है की मौजूदा समय के इतने बड़े ब्रांड की शुरूआत कैसे हुई ? शायद नही पता होगा।
तो दोस्तों बता दूं कि Colgate कंपनी की शुरूआत आज से करीब 215 साल पहले हुई थी और इसे शुरू करने वाले का नाम था विलियमColgate
जिन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत सारे संघर्ष किए थे और यह कंपनी तब टूथपेस्ट नही बनाती थी बल्कि साबुन बनाती थी। और एक मजेदार बात बताऊं जब Colgate का टूथपेस्ट शुरू में बाजार में आया था उस समय यह Tube में नहीं बल्कि के कांच की बोतल में मिलता था।
Colgate के जन्मदाता विलियम Colgate का जन्म 25 जनवरी 1783 को इंग्लैंड के हाॅलिंगबर्ग में हुआ था।
उनके पिता का नाम रोबिन Colgate था जो कि एक कृषक परिवार से संबंध रखते थे।
संघर्ष :
लेकिन कुछ सालों बाद 1798 में वह अपने पूरे परिवार के साथ अमेरिका के मैरिलैंड में जाकर बस गए। जहां उन्होंने रॉल्फ नाम के व्यक्ति के साथ मिलकर साबुन और मोमबत्ती बनाने का काम शुरू किया और इस काम में विलियम Colgate भी अपने पिता की सहायता करते थे लेकिन दुर्भाग्य से यह व्यवसाय भी सफल नही हो पाया और सिर्फ 2 सालों के बाद ही उन्हें यह काम बंद करना पड़ा जिससे उनकी और उनके परिवार की आर्थिक हालत और भी खराब हो गई।
और तभी सिर्फ 16 साल की उम्र में विलियम Colgate ने घर छोड़कर काम करने का फैसला किया और कुछ सालों तक छोटे-छोटे काम करने के बाद वह 1804 में न्यूयार्क सिटी आ गए जहां उन्होंने एक साबुन कि फैक्ट्री में काम करना शुरू किया और वहां काम करते हुए उन्होंने बिजनेस के बहुत सारे गुण सीखे।
दरअसल उन्होंने यह सोच लिया की आगे चलकर ‘मै भी यही बिजनेस करूंगा’ और इसीलिए उन्होंने कंपनी के काम करने के तरीको को अच्छे से समझा और यह भी जाना की लोग गलतियां कहां कर रहे है।
और उन गलतियों से कंपनी को नुकसान कैसे हो रहा है लगभग 2 साल तक कंपनी में नौकरी करने के बाद उन्होंने वह कंपनी छोड़ दिया और फिर एक छोटे लेवल पर ही सही लेकिन उन्होंने 1806 में साबुन बनाने का अपना व्यवसाय शुरू कर दिया।
और इस कंपनी का नाम विलियम Colgate एंड कंपनी रखा और फिर साथियों जल्द ही विलियम Colgate का यह व्यवसाय तेजी से सफल होने लगा।
लेकिन तब ही एक समय ऐसा आया जब उन्हें कई बार दिल का दौरा पड़ा और उनका स्वास्थ्य काफी खराब हो जाने के कारण वह कुछ सालों तक अपने व्यवसाय पर ध्यान नही दे सके जिसके चलते उनकी कंपनी घाटे में चली गई।
लेकिन स्वास्थ्य में सुधार आने के साथ ही उन्होंने फिर से बाजार में वापसी की और इस बार कंपनी को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया।
इसके अलावा विलियम Colgate धार्मिक व्यक्ति थे उनका मानना था की उनके पास जो कुछ भी है वो ऊपर वाले की वजह से है। इसलिए उन्होंने अपनी कंपनी का एक खाता भगवान के नाम पर खोलने को कहा था जिसमे वो कंपनी के फायदे का 10वां हिस्सा रखा करते थे और फिर वह उन पैसों को वह अच्छे कामों में दान कर देते थे।
आगे चलकर जैसे-जैसे उनका व्यवसाय बढ़ता गया तो उनका फायदा भी बढ़ा और उन्होंने भगवान में खाते में भी और अधिक पैसा देना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे विलियम Colgate ने अपने फायदे का 50 प्रतिशत दान करना शुरू कर दिया था।
और एक सफल बिजनेसमैंन बनने के बाद 25 मार्च 1857 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
और आगे चलकर उनके बिजनेस की कमान उनके तीन बेटे राॅबर्ट, जेम्स और सेमुअल ने संभाला और इस कंपनी को आगे बढ़ाया।
उन्होंने कंपनी का पहला टूथपेस्ट 1873 में लांच किया जो की आजकल की तरह ट्यूब में नही बल्कि जार में उपलब्ध होते थे लेकिन समय के साथ ही साथ पैकेजिंग में भी परिवर्तन आया और 1896 से यह टूथपेस्ट ट्यूब में मिलने लगा और विलियम Colgate द्वारा शुरू की गई साबुन बनाने वाली कंपनी भी आगे चलकर साबुन के साथ टूथपेस्ट, Perfume, सेविंग क्रीम बनाना भी शुरु किया।
सफलता :
और फिर 1928 के बाद यह कंपनी Palmolive के साथ मिलकर प्रोडक्ट बनाती है और आज के समय में इस कंपनी में दुनिया भर में हजारों लोग काम करते है।
और यह दुनिया की 55वीं मोस्ट वैल्युवेबल ब्रांड है तो दोस्तो सब मिलाजुलाकर इस कहानी को बताने का हमारा यह मकसद था यदि आप भी अपनी मंजिल की खोज मे है या सफलता के लिए संघर्ष कर रहे है तो हार कभी भी ना माने बस कोशिस करते रहे।
क्योंकि दुनिया में अक्सर कहा जाता है कि हार मानों नही तो कोशिश बेकार नही होती है कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती है।