आखिर क्या है Governance Through Media की Philosophy

आखिर क्या है Governance Through Media की Philosophy

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इस बारे में जानकार सूत्रों ने किया खुलासा, ‘यह थ्योरी है ‘गुड गवर्नेंस’ में एक नया प्रयोग, कई राज्यों के मुख्यमंत्री पहले से ही अपना रहे इस व्यवस्था को, लेकिन राजस्थान में सरकार के मीडिया मैनेजमेंट का है हाल बेहाल, इस व्यवस्था के अंतर्गत मीडिया एडवाइजर या मुख्यमंत्री सचिवालय का एक अफसर पढ़ता है सारे अखबार, सुबह 5.30 बजे पढ़ता है सारे हिन्दी और अंग्रेजी के 30 अखबार, और फिर उनमें से छांटता है जनता से जुड़ी उन समस्याओं और विषयों को, जिनमें मुख्यमंत्री या सरकार का हस्तक्षेप है अपेक्षित, इसके बाद लगभग 7.30 बजे दो-तीन पेज का एक नोट जाता है मुख्यमंत्री को, और उस नोट के आधार पर मुख्यमंत्री करतेहै संबंधित कलेक्टरों, एसपीएस एवं दूसरे आला अफसरों को फोन, और सुबह 7.30 बजे ही मुख्यमंत्री का फोन आते ही कई अफसर हो जाते है ऊक चूक, क्योंकि तब तक इन लोगों ने भी नहीं पढ़े होते है ये अखबार, ऐसे में जनससमयाओं के प्रति मुख्यमंत्री की पहल और जागरूकता दिखती है साफ, और आम तौर पर फिर उसी दिन हो जाता है अखबार में प्रकाशित जनसमस्याओं और शिकायतों का निराकरण’, क्या राजस्थान में सीएम गहलोत भी शुरू करवाएंगे इस प्रगतिशील व्यवस्था को ?

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