Ashita Mahajan Success Story in Hindi | Co-Founder – Café Arpan

नमस्कार साथियों, आज के इस पोस्ट में हम कैफे अर्पण की सह-संस्थापक और विशेष रूप से बौद्धिक और विकासात्मक विकलांगता के वाले व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाने वाले और उन्हें समाज में एक निष्चित स्थान देने वाली महिला अषिता महाजन के बारें में जानेंगे।
अक्सर कहा जाता है कि सफलता की परिभाषा जीवन में बड़ी उपलब्धि हासिल करने को नही माना जाता है, बल्कि खुद के साथ दूसरों को सशक्त बनाना भी मकसद होना चाहिए है ताकि वो लोग भी बड़े सपने देख सके और इसका ताजा उदाहरण हमारे सामने मुंबई की एक महिला है जिसका नााम अषिता महाजन है।
अषिता का सफर:
अषिता को इस कैफे अर्पण खोलने का आइडिया दरअसल अपने चचेरे भाई से मिला है, जो कि एक ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्ति है। इसके बाद उन्होंने अपनी चाची के साथ मिलकर यष चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की जो कि मुंबई में स्थित एक गैर सरकारी संगठन है, इस संगठन की स्थापना साल 2014 में की गई थी।
यह संगठन PWIEDD व्यक्तियों को कौशल विकास के साथ-साथ आजीविका के अवसर प्रदान करने का कार्य कर रहा है। पहले यह संगठन अर्पण डब्बा सेवा के तौर पर दिव्यांग लोगों को रोजगार देने का कार्य करता था, बाद में आगे चलकर कैफे अर्पण के तौर पर उजागर हुआ।
कैफे अर्पण का उदय:
कैफे अर्पण का उदय यश चैरिटेबल ट्रस्ट की सफलता के बाद हुआ था, इस संगठन की स्थापना वर्ष 2018 में की गई। यह कैफे खुले दिल से सभी का स्वागत करता है।
जूह (मुंबई) स्थित इस कैफे को लाॅन्च के बाद से ही काफी अच्छा रिस्पाॅन्स मिल रहा है, इस कैफे में बतौर दो सहायक स्टाफ सदस्यों के तौर पर कार्य संचालन किया जा रहा है।
इस कैफे को लाॅन्च करने का आइडिया फिलीपींस स्थित मनीला के पजल कैफे से प्रेरणा लेकर किया गया था, इस कैफे का मुख्य उद्देष्य असल में मुनाफा कमाना ना होकर अपने कर्मचारियों को अच्छा वेतन देना है।

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